विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेगी भाजपा

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जनप्रतिनिधियों की बजाय नकारे हुए कांग्रेस नेताओं को मिल रही है तवज्जो

शिमला। शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तीन और चार फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करेगी।

पिछले दो सालों में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा बताए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार द्वारा प्राथमिकता नहीं दी गई है उल्टे सरकार द्वारा हमारे विधायकों को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया जा रहा है।

प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने कामों के बारे में बताते हैं लेकिन सरकार उन्हें बिल्कुल भी प्राथमिकता नहीं देती है। चुने हुए विधायकों के बजाय जनता द्वारा नकारे और हारे हुए कांग्रेस नेताओं को तवज्जो दी जा रही है।

जब विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायकों द्वारा बताई गई प्राथमिकताओं को सुक्खू सरकार द्वारा सुनना ही नहीं है तो विधायक प्राथमिकता बैठक का क्या औचित्य है। इसीलिए भाजपा विधायक दल आगामी विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार कर रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए कार्य जो वर्तमान में पूर्ण हो रहे हैं उनके उद्घाटन के कार्यक्रमों में भी भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है।

उन्हें उद्घाटन के कार्यक्रमों तक में नहीं बुलाया जा रहा है, उद्घाटन पट्टिका में भी उनका नाम नहीं लिखा जा रहे हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधियों के बजाय जनता द्वारा नकारे और हारे हुए कांग्रेसी नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। वर्तमान सरकार हर स्तर पर चुने हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का अपमान कर रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस द्वारा राज्यसभा का चुनाव हार जाने के बाद से सरकार पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा के विधायकों और नेताओं को सत्ता के दुरुपयोग से प्रताड़ित कर रही है।

यह सरकार सिर्फ विधायक को ही नहीं बल्कि उनके परिवार, सगे संबंधियों और उनके व्यवसाय को भी निशाना बना रही है। सुक्खू सरकार सत्ता के दुरुपयोग की सारी सीमाएं लांघ चुकी है।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेताओं को फर्जी मुकदमे में फंसा कर परेशान किया जा रहा है। हमारे विधायकों को पुलिस द्वारा जांच के नाम पर 8 घंटे थाने में बिठाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

यह घटना एक बार नहीं कई बार हमारे नेताओं के साथ दोहराई जा रही है। सरकार के पास हमारे विधायकों और नेताओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के कोई तथ्य नहीं है। इसीलिए सरकार के इशारे पर पुलिस ने जांच के नाम पर हर दिन घंटे थाना बिठाकर प्रताड़ित कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा जिस प्रकार से व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने पुलिस का दुरुपयोग करके भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को परेशान कर रही है। इस तरह की दुर्भावनापूर्ण राजनीति हिमाचल के इतिहास में कभी नहीं हुई है।

सरकार की शह पर कायदे को ताक पर रखकर कानून का दुरुपयोग करने वाले अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि सत्ता और ताकत स्थाई नहीं होती है। इसलिए वह कानून का दुरुपयोग करने से बाज आएं, कानून सम्मान करें और नियमानुसार काम करें।

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