बिकने वाले की क़ीमत दो कौड़ी की नहीं रहती
शिमला। विधायक हरीश जनार्था व सुरेश कुमार ने कहा है कि पाला बदल कर भाजपा का दामन थामने वाले कांग्रेस के छह बाग़ियों ने अपना ईमान बेचा और हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के साथ विश्वासघात किया।
उन्होंने कहा कि बिकने वाले इंसान की क़ीमत दो कौड़ी की नहीं रह जाती है। राज्यसभा चुनाव के दौरान छह बाग़ियों ने न सिर्फ पार्टी के साथ दग़ाबाज़ी की, बल्कि अपने चुनाव क्षेत्र की जनता की भावनाओं का अपमान भी किया। मात्र सवा साल पहले यह सभी कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधानसभा चुनाव लड़े और कांग्रेस पार्टी की नीतियों में विश्वास करते हुए मतदाताओं ने इन्हें विजयी बनाया, लेकिन अपने निजी स्वार्थ के चलते अब इन्होंने जनता पर उप-चुनाव का अनावश्यक बोझ थोप दिया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी से दगाबाज़ी करने वालों और अपने चुनाव क्षेत्र की जनता का भरोसा तोड़ने वालों को जनता कभी माफ़ नहीं करेगी। यह तय है कि सभी छह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी होंगे और बाग़ियों की हार निश्चित है। प्रदेश की जनता बाग़ियों की कारगुज़ारियों पर थू-थू कर रही है और अब उनकी झूठी बातों में प्रदेश की जनता आने वाली नहीं है।
हरीश जनार्था व सुरेश कुमार ने कहा कि सभी बाग़ियों को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने अपने ईमान की क्या क़ीमत लगाई है। क्यों वह भाजपा के हाथ की कठपुतली बने हुए हैं। एक महीने तक प्रदेश से बाहर रहने पर उनके फ़ाइव स्टार होटलों का खर्च, उनके हेलिकॉप्टर व चार्टर्ड प्लेन में सैर सपाटे का खर्च किसने उठाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेपरों की नीलामी हुई, युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ, पुरानी पेंशन माँगने पर सरकारी कर्मचारियों का उत्पीड़न हुआ और उनका मज़ाक़ बनाया गया। यही नहीं, महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह प्रदान करने की गारंटी को वर्तमान राज्य सरकार ने पूरा किया, जबकि भाजपा ने महिला विरोधी होने का सबूत देते हुए इस प्रक्रिया को रुकवाकर महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित कर दिया।
उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग का उत्पीड़न हुआ और बागी उसी भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन-विरोधी भाजपा के साथ खड़े होने का कारण भी बाग़ियों को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साज़िश में कांग्रेस पार्टी के ग़द्दार और भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है और जनता उन्हें सबक़ सिखाने के लिए तैयार बैठी है। एक जून को लोकसभा चुनाव तथा छह विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उप-चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी बड़े अंतर से विजयी होंगे।