बदले की भावना से काम कर रही है कांग्रेस सरकार : नंदा

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शिमला। भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान कांग्रेस सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।

जब से ही कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में बनी है, तब से ही इस प्रकार की भावना उनकी सामने निकलकर आ रही है। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से जितने भी फैसले पूर्व में जयराम सरकार द्वारा लिए गए हैं उन पर पुनः विचार किया जाएगा।

कल प्रदेश सरकार ने एक नोटिफिकेशन के माध्यम से पूरे प्रदेश में 307 कार्यालय बंद कर दिए। यह एक तुगलकी फरमान से कम नहीं है। यह दिखाता है कि यह सरकार एक हिटलर की सरकार है। इसके अलावा 1 दिन में बिजली बोर्ड के 32 दफ्तरों को बंद करना निंदनीय है।

हैरानी की बात तो यह है कि सभी दफ्तरों को एक उचित प्रक्रिया के माध्यम से सभी अनुमतियाँ लेते हुए खोला गया था।

उन्होंने कहा कि एक दिन में 179 स्वास्थ्य संस्थाओं को बंद कर दिया जिनसे लोगों को जगह-जगह स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध हो रहा था। इसके साथ ही 79 पटवार सर्कल, 3 तहसील, 20 उप तहसीलें, 3 कानूनगो पटवार सर्कल और 16 सर्कल डिविजन को भी बंद किया गया।

यह सब दिखाता है कि प्रदेश की सरकार को विकास से कोई लेना देना नहीं है, उनको केवल चिंता है तो सिर्फ बदला लेने की।

उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश भर में हर मंडल में एसडीएम या उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी भेजा जा रहा है जिसके अंदर इस सरकार की कड़ी निंदा भी की गई है। साथ हो इस प्रकार के निर्णय जो सरकार ले रही है, उनपर रोक लगाने के लिए चिंतन करने को आग्रह किया गया है।

नंदा ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थाओं के बारे में बात करें तो 40 स्वास्थ्य संस्थान तो केवल मंडी जिले में ही बंद किए गए हैं। इसके इलावा 25 सोलन में, कांगड़ा में 25 और 20 बिलासपुर के बंद किए गए है।

आज से पहले ऐसा कभी हिमाचल प्रदेश के इतिहास में नहीं हुआ, ऐसा हिमाचल प्रदेश में पहली बार हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रकार की सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है क्योंकि इस प्रकार की सरकार में हिटलर राज साफ दिखाई दे रहा है।

सरकार को कहीं ना कहीं यह डर भी सता रहा है कि मंडी में वह 10 में से 9 सीटें हार गए हैं तभी मंडी में दल बल के साथ कार्यालय को बंद किया जा रहा है।

इससे पहले धर्मपुर के शिवा प्रोजेक्ट का कार्यालय बंद किया गया और एक्सीलेंस सेंटर बंद किया गया और अब जब कार्यालय बंद हो रहे हैं, तो सबसे ज्यादा तादाद मंडी की निकल कर आ रही है।

मंडी के बल्ह इलाके में जो एयरपोर्ट बनना है उसकी भी एजेंसी को बदला गया। सब नकारात्मक काम यह सरकार केवल मंडी में ही कर रही है।

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