शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर ‘युवाओं को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य मुद्दों’ पर एक दिवसीय हेल्थ वर्कशॉप में 300 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया।
वर्कशॉप का आयोजन कार्डियोमर्सन द्वारा किया गया था, जहां इसके ग्लोबल चेयरमैन व मैक्स अस्पताल, मोहाली में कार्डियोवैस्कुलर थोरैसिक सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. दीपक पुरी ने अपनी टीम के साथ चार सत्रों और एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। वर्कशॉप का उद्घाटन एपीजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ रमेश चौहान ने किया।
वर्कशॉप को संबोधित करते हुए डॉ पुरी ने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है। भारतीय युवाओं को प्रभावित करने वाले कई मुद्दे हैं जो उनके स्वास्थ्य पर एक बड़ा प्रभाव डाल रहे हैं और इस तरह उनकी दक्षता और हमारे राष्ट्र की समग्र प्रगति को कम कर रहे हैं।
डॉ पुरी ने उन कारणों पर प्रकाश डाला कि क्यों भारतीय जीवन शैली की बीमारियों जैसे दिल के दौरे और कैंसर से पश्चिम की तुलना में बहुत कम उम्र में प्रभावित हो रहे हैं।
डॉ पुरी ने खुलासा किया कि अधिकांश भारतीय युवा गलत जीवन शैली का पालन कर रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
एक ओर युवा लंबे समय तक बैठे रहने के साथ पूरी तरह से गतिहीन जीवन शैली का पालन कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर अपने स्वास्थ्य की स्थिति के आकलन के बिना आक्रामक रूप से जिमिंग संस्कृति को अपनाया है, जो युवाओं में अचानक दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं का एक कारण है।
डॉ पुरी ने कहा कि तनाव और अवसाद आजकल 25% से अधिक युवाओं को प्रभावित कर रहा है। आत्महत्या की दर में तेजी से वृद्धि हुई है। भावनात्मक अस्थिरता, शैक्षणिक दबाव, अपर्याप्त नौकरी के अवसर, वित्तीय समस्याएं और संबंधों का तनाव आज भारतीय युवाओं पर विनाशकारी प्रभाव डाल रहा है।