दिल्ली। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में तीन दिवसीय “विश्व डोपिंग रोधी संस्था-वाडा एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट (एबीपी) संगोष्ठी- 2022” के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
इस संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (एनएडीए) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) द्वारा किया जा रहा है।
केंद्रीय खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी की महानिदेशक रितु सेन, (एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट) विश्व डोपिंग रोधी संस्था के एसोसिएट निदेशक, डॉ रीड ऐकिन, विश्व डोपिंग रोधी संस्था के एशिया/ओशिनिया कार्यालय के निदेशक काजुगिरो हयाशी और विश्व डोपिंग रोधी संस्था के वरिष्ठ प्रबंधक डॉ नॉर्बर्ट बॉम भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार एबीपी संगोष्ठी का आयोजन करना हमारे लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक खेल परिदृश्य में लगातार नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है।
ठाकुर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट डोपिंग रोधी प्रक्रिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपकरण है और इससे संबंधित शोध दुनिया को न केवल खेल में डोपिंग का पता लगाने बल्कि उसे रोकने का अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह संगोष्ठी न केवल एबीपी के विकास और मजबूती में बल्कि डोपिंग के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में भी एक बड़ी और प्रमुख उपलब्धि सिद्ध होगी। केंद्रीय मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से जानकारी, उपकरण, अनुसंधान और विशेषज्ञता से सुसज्जित करने के लिए इस अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह हमें अपने एथलीटों और पूरे खेल इकोसिस्टम को डोपिंग के खतरे से बचाने के लिए सशक्त बनाएगा। श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह संगोष्ठी हमें भारत में डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मजबूत करने में सक्षम बनाएगी।
ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अधिनियम, 2022 नामक डोपिंग रोधी अधिनियम बनाया है।
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वैश्विक डोपिंग रोधी अभियान के लिए भारत की अडिग प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में हमारा दीर्घकालिक लक्ष्य रहा है। ठाकुर ने कहा कि यह अधिनियम देश में सभी स्तरों पर स्वच्छ खेल के लिए भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है।
ठाकुर ने कहा कि पिछले एक वर्ष में हमने विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा) में अपना योगदान बढ़ाया है और हमारा देश इस दिशा में एशिया में सर्वाधिक योगदान देने वालों में चौथे नम्बर पर है।
उन्होंने कहा कि हम यूनेस्को के स्वैच्छिक कोष में भी एक प्रमुख योगदानकर्ता हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिबंधित पदार्थों के साथ पोषक तत्वों की खुराक के सेवन के कारण हमारे एथलीटों को अनजाने में डोपिंग का शिकार बनने से बचाने के लिए नाडा, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) और भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के साथ सहयोग कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विकलांग एथलीटों के लिए समावेशी संपर्क सामग्री विकसित की गई है। सीखने के लिए सार्वभौमिक डिजाइन (यूडीएल) के सिद्धांतों पर सांकेतिक भाषा में डोपिंग रोधी शिक्षा मॉड्यूल न केवल भारत में बल्कि दुनिया में कहीं भी विकलांग एथलीटों के लिए उपयोगी है। नाडा इंडिया इन संसाधनों को एशिया के अन्य देशों की डोपिंग रोधी संस्थाओं-नाडो के साथ साझा कर रहा है।
इस संगोष्ठी में चर्चा के मुख्य विषय एबीपी के साथ हालिया रुझान, सफलताएं और चुनौतियां, मादक पदार्थों के मॉड्यूल को प्रभावित करने वाले कन्फ्यूजिंग फैक्टर का प्रबंधन, एबीपी के लिए रणनीतिक परीक्षण विकसित करना आदि होंगे और वाडा को खेलों में डोपिंग के इस्तेमाल के बारे में पता लगाने और उसके उन्मूलन की दिशा में एपीएमयू के माध्यम से काम करने में मदद मिलेगी।
पहली वाडा एबीपी संगोष्ठी नवंबर 2015 में दोहा, कतर में डोपिंग रोधी प्रयोगशाला कतर (एडीएलक्यू) द्वारा आयोजित की गई थी। दूसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी का आयोजन इटालियन फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन (एफएमएसआई) द्वारा 2018 में रोम, इटली में की गई थी। यह तीसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी है और पहली बार भारत में इसका आयोजन किया जा रहा है।
इस संगोष्ठी में 56 देशों के दो सौ से अधिक प्रतिभागी, वाडा के अधिकारी, विभिन्न राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठनों, एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाइयों (एपीएमयू) और वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।