स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर बनाई अपनी पहचान

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शिमला। कृषि, पशुपालन एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज पीटरहाॅफ में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय क्रेडिट लिंकड कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।

उन्होंने कार्यशाला में अपने संबोधन में प्रदेश के समावेशी विकास में नाबार्ड के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की और बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों व महिला सशक्तिकरण में किए गए कार्यों का उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि बैंक द्वारा दिए गए ऋण से ग्रामीण महिलाओं द्वारा स्थापित स्वयं सहायता समूहों से उनकी आर्थिक उन्नति संभव हुई है तथा उनके द्वारा निर्मित उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी पहचान बनाई है।

कृषि मंत्री ने ग्रामीण युवाओं से आह्वान किया कि वे वर्तमान प्रदेश सरकार की सर्वस्पर्शी नीतियों व योजनाओं का लाभ उठाएं तथा स्वरोजगार के प्रति सकारात्मक सोच रखें और आत्मनिर्भरता की राह अपनाएं।

इससे पर्वतीय राज्य में ग्रामीण आर्थिकी को संबल मिलेगा तथा कृषि व बागवानी क्षेत्र से प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।

वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि कोरोना संकटकाल के दौरान कृषि क्षेत्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की तथा कृषकों ने रोजगार सृजन में अपनी अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने बताया कि कृषक उत्पाद संगठनों ने अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार जन हितैषी नीतियां बना रही है।

उन्होंने कृषि, बागवानी व सहकारिता क्षेत्र को बेहत्तर समन्वय स्थापित करने पर बल दिया, जिससे पर्वतीय राज्य में चहुंमुखी विकास संभव हो सके।

कृषि मंत्री ने प्रदेश के हस्तशिल्प व हथकरघा उद्योग की अपार संभावना पर प्रकाश डाला और नाबार्ड के अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे इस क्षेत्र से पर्वतीय राज्य की विशेष पहचान बनाने पर कार्य करें।

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