ऋषिकेश। आर के विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश के साथ-साथ परियोजना और यूनिट कार्यालयों में अंगदान के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और इसके बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के लिए अंगदान महोत्सव (अंगदान) मनाया गया।
विश्नोई ने भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही अंगदान और प्रत्यारोपण की सुविधा के लिए संचालित की जा रही पहल पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की स्थापना की गई है जिसने अंगों की खरीददारी और वितरण की कुशल और संगठित प्रणाली स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एनओटीटीओ देश में अंगों और ऊतकों की खरीद और वितरण तथा अंगों और ऊतकों के दान और प्रत्यारोपण का पंजीकरण करने के लिए समन्वय और नेटवर्किंग की अखिल भारतीय गतिविधियों का एक शीर्ष केंद्र है। इसका उद्देश्य अंगदाताओं और जरूरतमंद रोगियों के बीच अंतर को पाटना है, जिससे अंग प्रत्यारोपण के लिए अधिक सुव्यवस्थित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि 3 अगस्त को भारतीय अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के प्रतिष्ठित बैनर तले ‘अंगदान महोत्सव’ जागरूकता अभियान उत्साह और समर्पण के साथ मनाया गया। यह दिन भारत में मृतक व्यक्ति के द्वारा दान में दिए गए अंग के पहले प्रत्यारोपण के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर भी है, जो 8 जुलाई, 1994 को “मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम” की घोषणा के बाद किया गया पहला हृदय प्रत्यारोपण था।
अंगदान महोत्सव में सभी कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, जो इस पहल के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। जे बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) की उपस्थिति में कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सभी कर्मचारियों को ‘अंगदान महोत्सव’ की शपथ दिलाई। जिसमें सक्रिय रूप से अंगदान जागरूकता को बढ़ावा देने और समाज के हित के लिए उदारतापूर्वक अपने अंगों के दान की पेशकश की गई थी।
आर के विश्नोई ने कहा कि हाइड्रो एनर्जी सेक्टर में बेंचमार्क स्थापित करने के अलावा, टीएचडीसीआईएल के कर्मचारी सामाजिक-कल्याण पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेने में हमेशा अग्रणी रहे हैं। उन्होंने टीम के सामूहिक प्रयासों, उत्साहपूर्ण भागीदारी और उनके द्वारा ली गई प्रेरक प्रतिज्ञा पर संतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की समाज की भलाई में योगदान देने और अंगदान जागरूकता को बढ़ाने में प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा।
टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में प्रमुख विद्युत उत्पादक है, इसमें उत्तराखण्ड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट के ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना, केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है।