आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 10 मार्च 2022
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ऋतु
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी 11 मार्च प्रातः 05:34 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – रोहिणी सुबह 11:30 तक तत्पश्चात मॄगशिरा
योग – प्रीति 11 मार्च रात्रि 02:14 तक तत्पश्चात आयुष्मान्
राहुकाल – दोपहर 02:18 से शाम 03:48 तक
सूर्योदय – 06:53
सूर्यास्त – 18:45
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
विशेष –
अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
भय दूर करने हेतु
आनंद रामायण में आता है कि सोते समय या प्रात: अथवा यात्रा के आरम्भ के समय कोई भयभीत व्यक्ति हनुमानजी के ये १२ नाम लेता है तो उसका भय दूर हो जाता है।
१] हनुमान
२] अंजनीसुत (अंजनीपुत्र )
३] वायुपुत्र
४] महाबली
५] रामेष्ट अर्थात रामजी के प्रिय
६] फाल्गुनसख ( अर्जुन के मित्र)
७] पिंगाक्ष (भूरे नेत्रवाले)
८] अमिताविक्रम ( अनंत बलशाली)
९] उदधिक्रमण (समुद्र लाँघनेवाले )
१०] सीताशोकविनाशन
११] लक्ष्मणप्राणदाता
१२] दशग्रीवदर्पहा अर्थात रावण के घमंड को दूर करनेवाले।
आर्थिक तकलीफ़ हो तो
किसी को आर्थिक तकलीफ़ हो तो होली की पूनम के दिन एक समय ही खाना खायें, एक वक़्त उपवास करें अथवा तो नमक बिना का भोजन करें।
होली की रात को खीर बनायें और चंद्रमा को भोग लगाकर उसे दिखा दें चंद्रमा को; एक लोटे में जल लेकर उसमें चावल, शक्कर, कुमकुम, फूल, आदि डाल दें और चंद्रमा को ये मंत्र बोलते हुए अर्घ्य दें;
दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्
हे चंद्र देव! भगवान शिवजी ने आपको अपने बालों में धारण किया है, आपको मेरा प्रणाम है।
अगर पूरा मंत्र याद न रहे तो “ॐ सोमाय नमः , ॐ सोमाय नमः” , इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
होली के दिन पूजा विशेष
होली के दिन हनुमान जी के पूजा का विशेष विधान है, हो सके तो करना। पूजा का मतलब यह जरूरी नहीं की हनुमान जी के आगे दिया जलायें तब ही वे प्रसन्न होंगे।
“श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि”, ” मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये।” ऐसी प्रार्थना कर दी, वे राजी हो जायेंगे। होली के दिन एक बार जरूर कर लें, बहुत लाभ होगा।
होली के दिन शास्त्रों में लक्ष्मी माता की पूजा का भी विधान बताया गया है। वह कपूर का दिया जलाकर करें। थोड़ा सा ही कपूर जलायें। होली का पर्व दरिद्रता का नाश करनेवाला पर्व है।