शिमला। डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित बच्चों की सरकार कैसी हो के तहत हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र का सफल समापन हुआ। हिमाचल के 42 विधानसभा क्षेत्रों और 5 राज्यों से आये 68 बाल विधायकों ने प्रश्नकाल और प्रक्रिया के नियम 324 के ज़रिये बच्चों से जुड़े मुद्दे उठाए।
इस सत्र की अध्यक्षता कर रहे स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि कैसे डिजिटल बाल मेला उनके पास इस विशेष सत्र का प्रस्ताव लेकर आया और 4 महीने की कठिन मेहनत के बाद इस अभियान में कैसे बच्चों का चुनाव हुआ।
उन्होंने यह भी बताया कि बाल मेला के माध्यम से किस प्रकार सरकार तक बच्चों के मुद्दे पहुँचे। उन्होंने शिमला स्थिति विधानसभा भवन का इतिहास भी बताया।
बाल सत्र के आयोजन के बारे में अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि- आने वाला समय बच्चों का है। ऐसे बाल सत्र भविष्य के विधायक तैयार करने में बड़ी भूमिका निभायेंगे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा भवन में आयोजित इस विशेष बाल सत्र में अध्यक्ष कुलदीप सिंह के साथ मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू एवं विशिष्ठ अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौज़ूद रहे।
इस सत्र में ख़ास बात यह रही कि बच्चों ने बाल मुद्दों पर अपनी आवाज़ मुखर करने के साथ ही हिमाचल राज्य में बड़ रहे नशे की लत के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन भी किया।
डिजिटल बाल मेला की जान्हवी शर्मा ने बताया कि सफलता पूर्वक “बाल सत्र’ के लिये विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को बधाई दी। वहीं समापन के बाद विधानसभा अध्यक्ष डिजिटल बाल मेला की टीम से मिले।
उन्होंने बाल मेला टीम को मोमेंटो प्रदान किये। इस अवसर पर डिजिटल बाल मेला ने विधानसभा सचिवालय के सभी पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया। उनके योगदान के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।
ग़ौरतलब है कि इस अभियान से 50,000 से भी ज्यादा बच्चे जुडे थे और उनमें से 1,108 एंट्रीज़ आई थी। बच्चों की सरकार कैसी हो अभियान के तहत 20 ऑनलाइन सत्र भी कराये गए थे, जिसमें हिमाचल के जाने माने नेताओं, शिक्षाविद, कलाकार एवं अधिकारियों ने बच्चों से संवाद साधा था।