आम बजट में समग्र विकास का ध्यान रखा गया : कश्यप

Spread with love

शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि भारत का आम बजट अमृत काल का बजट है और पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।

इस बार का बजट पूरे भारत के समग्र विकास का बजट है, चाहे वह कृषि भगवानों के लिए हो, महिला सशक्तिकरण, बच्चों के उद्धार के लिए हो , भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए हो। इस बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है।

उन्होंने कहा कि इस बार मिडिल क्लास के लिए सरकार ने बड़ा फायदा दिया है। इनकम टैक्स में रिबेट लिमिट को बढ़ाकर 5 से 7 लाख कर दिया गया है। साथ ही एक्सेम्पशन की सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख से तीन लाख कर दिया गया है।

महिलाओं के लिए सम्मान बचत सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिसमें दो लाख की राशि लड़कियों के लिए 2 साल के लिए फिक्स डिपोजिट के रूप में रखी जाएगी, जिस पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत से उपलब्ध होगा।

मासिक आय खाता योजना के लिए अधिकत्तम जमा सीमा को एकल खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रूपये और संयुक्त खाते के लिए 9 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया।

राज्यों के निमित संपूर्ण 50 वर्षीय ऋण को वर्ष 2023- 24 के अंदर पूंजीगत व्यय पर खर्च किये जाने हैं, इनमें से अधिकांश ऋण व्यय राज्यों के विवेक पर निर्भर करेंगे परन्तु इस ऋण का एक हिस्सा उनके द्वारा वास्तवित पूंजी व्यय को बढ़ाने की शर्त पर दिया जाएगा।

राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत के राजकोषी घाटे की अनुमति होगी जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र में सुधार से जोड़ा जाएगा।

नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है।

नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।

गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई।

नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि इस बजट में समग्र विकास के अंश है इस बजट में सूक्ष्म उद्यमों और कुछ पेशेवरों के लिए बढ़ी सीमाओं के लिए अनुमानित कराधान के लाभ लेने का प्रस्ताव किया गया है।

बढ़ी सीमा वर्ष के दौरान नगदी में ली गई कुल राशि के मामले में लागू होगी जो कुल सकल प्राप्तियों/ टर्नओवर की 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: