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दिनांक – 16 जनवरी 2022

दिन – रविवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – उत्तरायण

ऋतु – शिशिर

मास – पौस

पक्ष – शुक्ल

तिथि – चतुर्दशी 17 जनवरी रात्रि 03:18 तक तत्पश्चात पूर्णिमा

नक्षत्र – आर्द्रा 17 जनवरी रात्रि 02:09 तक तत्पश्चात पुनर्वसु

योग – इन्द्र शाम 03:21 तक तत्पश्चात वैधृति

राहुकाल – शाम 04:56 से शाम 06:18 तक

सूर्योदय – 07:19

सूर्यास्त – 18:17

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

विशेष

चतुर्दशी और पूर्णिमा रविवार, और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

किसानों के लिए

अपना खेत हो तो खेत में पश्चिम की तरफ पीपल का पेड़ लगा दो, पितर लोग राजी होंगे व सुख शांति होगी। खेत में कुआँ पूर्व-उत्तर के कोने में हो। पश्चिम और दक्षिण की तरफ अपना निवास हो खेत में बरकत आएगी।

कदवृद्धि

जिन बच्चों का कद नहीं बढता वे पुलअप्स का अभ्यास करें और बेल के ६ पते व २-४ काली मिर्च हनुमानजी का स्मरण करते हुए चबा चबाकर खाएं उसमे पानी डाल के पीसकर भी खा सकते हैं।

कैन्सर में

१)सुबह मंजन करने के पहले बासी मुंह, १ तोला (१०-१२ मि. ग्रा.) देशी गाय का गौ मूत्र छानकर लें या ये न मिले तो गौझरण में १०-१२ मि.ग्रा पानी डाल के लें।

२) २० ग्राम तुलसी का रस , ५० ग्राम ताजा दही के साथ कुछ दिन सुबह – शाम लेने से कैन्सर में आराम होता है।

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