आज के पञ्चाङ्ग के साथ ही जानिए कार्तिक मास की महिमा

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दिनांक 20 अक्टूबर 2021

दिन – बुधवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास -अश्विन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – पूर्णिमा रात्रि 08:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा

नक्षत्र – रेवती दोपहर 02:02 तक तत्पश्चात अश्विन

योग – हर्षण रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात बज्र

राहुकाल – दोपहर 12:23 दोपहर 01:50 तक

सूर्योदय – 06:37

सूर्यास्त – 18:09

दिशाशूल – उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण –

व्रत पूर्णिमा, माणेकठारी –

शरद पूर्णिमा (व्रत हेतु) नवान्न पूर्णिमा, कार्तिक स्नान प्रारंभ, महर्षि वाल्मीकि जयंती

विशेष –

पूर्णिमा,और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।

*(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

कार्तिक मास में स्नान की महिमा

कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले स्नान करने की बड़ी भारी महिमा है और ये स्नान तीर्थ स्नान के समान होता है।

कार्तिक मास

स्कंद पुराण में लिखा है : ‘कार्तिक मास के समान कोई और मास नहीं हैं, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान दूसरा कोई तीर्थ नहीं है।’ – ( वैष्णव खण्ड, का.मा. : १.३६-३७)*

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