दिनांक – 23 अक्टूबर 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ॠतु
मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अश्विन)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – त्रयोदशी शाम 06:03 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी दोपहर 02:34 तक तत्पश्चात हस्त
योग – इन्द्र शाम 04:07 तक तत्पश्चात वैधृति
राहुकाल – शाम 04:42 से शाम 06:08 तक
सूर्योदय – 06:38
सूर्यास्त – 18:07
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – मासिक शिवरात्रि, नरक चतुर्दशी (रात्रि में मंत्र जप से मंत्रसिद्धि), काली चौदस (गुज॰), हेमंत ऋतु प्रारंभ
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
दिवाली के दिन
दिवाली के दिन घर के पहले द्वार पर चावल का आटा और हल्दी का मिश्रण करके स्वस्तिक अथवा ॐ लगा देना, ताकि गृह दोष दूर हों और लक्ष्मी की स्थिति हो।
लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय
दीपावली (24 अक्टूबर 2022) सोमवार की रात मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ १-१ दिया गेहूँ के ढेर पे जलाएं और कोशिश करें की दिया पूरी रात जले। आपके घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होगी।
जिनके घर में आर्थिक परेशानी हो वो घर में भगवती लक्ष्मी का पूजन करें।
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
इन मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का जप करें।
रात को चंद्रमा को अर्घ्य दें।
अर्घ्य देते समय
ॐ सोमाय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ सोमाय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
इन मन्त्रों से पूजन करें
दिवाली की रात को चाँदी की छोटी कटोरी या दिये में कपूर जलने से दैहिक दैविक और भौतिक परेशानी/कष्टों से मुक्ति होती है। दिवाली के दिन स्फटिक की माला से इन मन्त्रों के जप करने से लक्ष्मी आती हैं।
ॐ महालक्ष्मऐ नमः
ॐ विष्णुप्रियाऐ नमः
ॐ श्रीं नमः
दिवाली की रात गणेशजी को लक्ष्मी जी के बाएं रख कर पूजा की जाये तो कष्ट दूर होते हैं।
अगर घर में खींचातानी हो या दुकान में बरकत नहीं हो तो हर रविवार को एक लोटे में जल भर कर २१ बार गायत्री मन्त्र (ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात) का जप करके जल को दीवारों पर छाँट दे पर ध्यान रहे की पैरों के नीचे जल ना आये इसलिए दीवारों पर ही छाँटना है।
दिवाली में
दीपावली की सुबह तेल से मालिश करके स्नान करना चाहिए।
भूत प्रेत से रक्षा
दिवाली के दिन सरसों के तेल का या शुध्द घी का दिया जलाकर काजल बना लें। ये काजल लगाने से भूत प्रेत पिशाच, डाकिनी से रक्षा होती है और बुरी नजर से भी रक्षा होती है।
माँ लक्ष्मी मन्त्र
🎆 *दिवाली (24 अक्टूबर 2022) सोमवार की रात कुबेर भगवान ने लक्ष्मी जी की आराधना की थी तो कुबेर बन गए ,जो धनाढ्य लोगो से भी बड़े धनाढ्य हैं। सभी धन के स्वामी हैं। ऐसा इस काल का महत्त्व है।
दिया जला के जप करने वाले को धन, सामर्थ्य, ऐश्वर्य पाए। ध्रुव, राजा प्रियव्रत ने भी आज की रात को लक्ष्मी प्राप्ति का, वैभव प्राप्ति का जप किया था।
मन्त्र बहुत सरल है। मन्त्र का फल प्राप्त करने के लिए श्रद्धा से मंत्र सुनें।
माँ लक्ष्मी मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण मंत्र
25अक्टूबर 2022 मंगलवार को खंडग्रास सूर्यग्रहण (सूरत में ग्रहण समय शाम 04:43 से शाम 06:07 तक) (पूर्व भारत के कुछ भाग छोड़कर पूरे भारत में दिखेगा।