दिनांक – 08 जून 2022
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – अष्टमी सुबह 08:31 तक तत्पश्चात नवमी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी 09 जून प्रातः 04:31 तक तत्पश्चात हस्त
योग – सिद्धि 09 जून प्रातः 03:27 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल – दोपहर 12:38 से दोपहर 02:18 तक
सूर्योदय – 05:57
सूर्यास्त – 19:18
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से सुबह 08:31 तक)
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।
बुधवारी अष्टमी
8 जून 2022 बुधवार को सूर्योदय से सुबह 08:31 तक बुधवारी अष्टमी है।
बुधवारी शुक्लपक्ष अष्टमी बहुत पुण्यशाली होती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, धर्म, जप, तप आदि सब सूर्यग्रहण के समान फल देते हैं।
शिवपुराण, गरुड़पुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, स्कंदपुराण सभी में बुधाष्टमी की महत्ता का वर्णन है।
भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण बुधाष्टमी के व्रत की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इसको करने से नरक का मुख नहीं देखना पड़ता।
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
9 जून गुरुवार को प्रातः 3:28 से 10 जून, शुक्रवार को रात्रि 1:50 तक (यानी 9 जून, गुरुवार को पूरा दिन) व्यतिपात योग है ।*
सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढोत्तरी के लिए व्रत
जेष्ट मास में सुहागन देवियों के लिए व्रत “उमा ब्रह्मणि व्रत। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को हो सके तो आसपास कन्याएं-बेटियां छोटी-छोटी हों, तो उनको दूध और चावल की खीर का भोजन करायें।