आज का हिन्दू पंचांग

Spread with love

भारत।

दिनांक – 06 जून 2022

दिन – सोमवार

विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)

शक संवत -1944

अयन – उत्तरायण

ऋतु – ग्रीष्म ऋतु

मास – ज्येष्ठ

पक्ष – शुक्ल

तिथि – षष्ठी सुबह 06:39 तक तत्पश्चात सप्तमी

नक्षत्र – मघा 07 जून रात्रि 02:26 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी

योग – हर्षण 07 जून प्रातः 04:53 तक तत्पश्चात वज्र

राहुकाल – सुबह 07:37 से सुबह 09:17 तक

सूर्योदय – 05:57

सूर्यास्त – 19:17

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

विशेष –

षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

बहूपयोगी औषधि – सोंठ

जब अदरक सूख जाता है तब उसकी सोंठ बनती है। सोंठ पाचनतंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह सारे शरीर के संगठन को सुधारती है, मनुष्य की जीवनशक्ति और रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाती है।

यह आम, कफ व वात नाशक है। गठिया, दमा, खाँसी, कब्जियत, उल्टी, सूजन, ह्रदयरोग, पेट के रोग और वातरोगों को दूर करती है।

औषधीय प्रयोग

वातनाशक गोलियाँ :

सोंठ के चूर्ण में समभाग गुड़ और थोडा – सा घी डाल के २- २ ग्राम की गोलियाँ बना लें। १ -२ गोली सुबह लेने से वायु और वर्षाकालीन जुकाम से रक्षा होती है। बारिश में सतत भीगते – भीगते काम करनेवाले किसानों और खेती के काम में लगे मजदूरों के लिए यह अत्यंत लाभदायक है। इससे शारीरिक शक्ति व फूर्ती बनी रहती है।

सिरदर्द :

सोंठ को पानी के साथ घिसलें। इसका लेप माथे पर करने से कफजन्य सिरदर्द में राहत मिलती है।

मन्दाग्नि :

सोंठ का आधा चम्मच चूर्ण थोड़े – से गुड़ में मिलाकर कुछ दिन प्रात:काल लेने से जठराग्नि तेज हो जाती है और मन्दाग्नि दूर होती है।

कमर दर्द व गठिया :

सोंठ को मोटा कूट लें। १ चम्मच सोंठ २ कप पानी में डाल के उबालें। जब आधा कप पानी बचे तो उतार के छान लें। इसमें २ चम्मच अरंडी – तेल डाल के सुबह पियें। दर्द में राहत होने तक हफ्तें में २ -३ दिन यह प्रयोग करें।

पुराना जुकाम

१) ५ ग्राम सोंठ १ लीटर पानी में उबालें। दिन में ३ बार यह गुनगुना करके पीने से पुराने जुकाम में लाभ होता है।

२) पीने के पानी में सोंठ का टुकड़ा डालकर वह पानी पीते रहने से पुराना जुकाम ठीक होता है | ( सोंठ के टुकड़े को प्रतिदिन बदलते रहें।

सर्दी – जुकाम :

५ ग्राम सोंठ चूर्ण, १० ग्राम गुड़ और १ चम्मच घी को मिला लें। इसमें थोडा-सा पानी डाल के आग पर रख के रबड़ी जैसा बना लें। प्रतिदिन सुबह लेने से ३ दिन में ही सर्दी – जुकाम मिट जाता है।

सावधानी –

रक्तपित्त की व्याधि में तथा पित्त प्रकृतिवाले ग्रीष्म व शरद ऋतु में सोंठ का उपयोग न करें।

मस्तिष्क प्रदाह

जौ का आटा पानी में घोलकर मस्तक पर लेप करने से मस्तिष्क की पित्तजनित पीड़ा शांत होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: