दिनांक – 04 अगस्त 2022
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास -श्रावण
पक्ष – शुक्ल
तिथि – सप्तमी 05 अगस्त प्रातः 05:06 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – चित्रा शाम 06:48 तक तत्पश्चात स्वाती
योग – साध्य शाम 04:35 तक तत्पश्चात शुभ
राहुकाल – दोपहर 02:23 से शाम 04:00 तक
सूर्योदय – 06:14
सूर्यास्त – 19:14
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
विशेष –
सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
कोई भी ग्रह विपरीत हो तो
नौ ग्रहों में से कोई भी ग्रह किसी को विपरीत हो या कष्टदायी हो रहा हो तो शिवजी की पूजा करने से सब शांत रहते है | सब ग्रहों के स्वामी है शिवजी।
दीर्घायु के लिए
२ ग्राम सौंठ में पानी मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही के अंदर लेप करें। प्रातः काल वह सौंठ दूंध में मिलाकर पीने से दीर्घायुश की प्राप्ति होती है।
खोयी हुई आध्यात्मिक शक्ति पुनः प्राप्त करने के लिए
अगर आपने किसी कारण से आध्यात्मिक शक्ति खो दी है तो आसन पर बैठकर ह्रदय में अनाहत चक्र का ध्यान करें। ऋषि विश्वामित्र जी को भी इसी प्रयोग से खोई हुई शक्ति पुनः प्राप्त हुई थी।