आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 30 नवंबर 2021
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास – मार्ग शीर्ष मास (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार कार्तिक)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी 1 दिसम्बर रात्रि 02:13 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – हस्त रात्रि 08:34 तक तत्पश्चात चित्रा
योग – आयुष्मान 12:03 तक तत्पश्चात सौभाग्य
राहुकाल – शाम 03:12 से शाम 04:34 तक
सूर्योदय – 07:00
सूर्यास्त – 17:54
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण –
उत्पत्ति एकादशी, आलंदी यात्रा (पुणे)
विशेष –
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है।
एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
उत्पत्ति एकादशी
30 नवम्बर 2021 मंगलवार को प्रातः 4:14 से रात्रि 02:13 तक (यानी 30 नवम्बर, मंगलवार को पूरा दिन) एकादशी है।
विशेष – 30 नवम्बर, मंगलवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।
उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है। – पद्म पुराण )
स्नान के साथ पायें अन्य लाभ
गोमय से ( देशी गौ-गोबर को पानी में मिलाकर उससे ) स्नान करने पर लक्ष्मीप्राप्ति होती है तथा गोमूत्र से स्नान करने पर पाप-नाश होता है। गोदुग्ध से स्नान करने पर बलवृद्धि एवं दही से स्नान करने पर लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
पौष्टिक खजूर
१३२ प्रकार की बीमारियों को जड़ से उखाडनेवाला, त्रिदोषनाशक खजूर तुरंत शक्ति – स्फूर्ति देनेवाला, रक्त – मांस व वीर्य की वृद्धि करनेवाला, कब्जनाशक, कान्तिवर्धक, ह्रदय व मस्तिष्क का टॉनिक है।