उमंग फाउंडेशन के वेबिनार में राष्ट्रीय रक्त सेवाएं कानून बनाने की मांग 

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शिमला। भारत सरकार की नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के सदस्य और फेडरेशन ऑफ इंडियन ब्लड डोनर्स ऑर्गेनाइजेशंस के राष्ट्रीय सचिव बिस्वरूप बिस्वास ने कहा है कि देश में ‘राष्ट्रीय रक्त सेवाएं कानून’ बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि देश में रक्त सेवाओं के बेहतर प्रबंधन और संचालन के लिए कानून बनाना जरूरी है।

विश्वरूप बिश्वास स्वयंसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित वेबिनार “हिमाचल प्रदेश में ब्लड बैंकिंग व्यवस्था: समस्याएं एवं समाधान” की अध्यक्षता कर रहे थे।

फाउंडेशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ रक्तदाता प्रो अजय श्रीवास्तव वेबिनार के मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों की स्वयंसेवी संस्थाओं के 70 से अधिक प्रतिनिधियों और रक्तदाताओं ने भाग लिया।

बिश्वरूप बिश्वास ने अपने संबोधन में रक्त संबंधी सेवाओं के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नेशनल ब्लड पॉलिसी में केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि वह सभी जरूरतमंद मरीजों को सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार के अंतर्गत सुरक्षित रक्त प्राप्त करने का अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन इसके लिए आदर्श स्थित उत्पन्न करने में सभी स्वयं सेवी संस्थाओं को आगे आकर सरकार पर दबाव बनाना पड़ेगा।

उनका कहना था कि राष्ट्रीय स्तर पर रक्त सेवाओं में सुधार के लिए हिमाचल प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं का आगे आना बहुत महत्वपूर्ण है। उद्देश्य यह होना चाहिए कि राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, स्वयंसेवी संस्थाएं और ब्लड बैंक एक टीम की तरह काम करें।

सामूहिक प्रयासों से व्यवस्था में सुधार लाकर ब्लड बैंकों को पूरी तरह रक्त से भर दिया जाए ताकि किसी मरीज को डोनर ढूंढने के लिए कहना ही न पड़े। उन्होंने ऐप के माध्यम से डोनर ढूंढने को रक्त सेवाओं में सुधार के प्रयासों के विरुद्ध बताया।

मुख्य वक्ता प्रो अजय श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को हिमाचल प्रदेश में ब्लड बैंकिंग व्यवस्था को दयनीय स्थिति से उभारने के समाधान बताए। उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने कार्यक्रम का संचालन किया और संजीव शर्मा ने राष्ट्रीय स्तर पर रक्त संग्रह के आंकड़ों के बारे में एक प्रस्तुति दी।

चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा, ऊना, सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी जिले से जुड़े स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे और उनके प्रश्नों के उत्तर बिश्वरूप बिश्वास और अजय श्रीवास्तव ने दिए।

उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी डॉ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे प्रयासों के साथ जुड़ना चाहिए ताकि यहां भी रक्तसेवाओं में मूलभूत सुधार लाया जा सके।

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