कांगड़ा। कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में भले ही आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों को आर्थिक तंगी से गुज़रना पड़ रहा हो; लेकिन प्रदेश सरकार समस्त हिमाचलवासियों को राहत पहुॅंचाने के लिए विभिन्न क़दम उठा रही है।
इसी कड़ी में आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्ग, जिसकी सालाना आय चार लाख रुपये से कम है और जो एकल परिवार से संबध रखते हैं; को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कमज़ोर वर्ग के गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए महत्वपूर्ण सहारा योजना आरम्भ की गई है। इस योजना के तहत पात्र प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
इस योजना के तहत वर्तमान में कांगड़ा ज़िला में 4,818 पात्र लोग (मरीज़) लाभान्वित हो रहे हैं।
ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विक्रम कटोच बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई पहल के तहत राज्य के आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्ग के ऐसे लोगों के लिए, जो एकल परिवार से संबध रखते हैं और जिनकी आय चार लाख रुपये से कम है, को कुछ निर्दिष्ट रोगों से पीड़ित होने पर सामाजिक सुरक्षा तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सहारा योजना आरम्भ की है।
इस योजना के अंतर्गत पार्किन्सन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया, कैंसर रोग, हीमोफीलिया, गुर्दे की विफलता, पैरलिसिस तथा इसके अतिरिक्त कोई अन्य रोग, जो स्थाई रुप से किसी रोगी को अक्षम करते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सहारा योजना के तहत पात्र रोगी को प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह 3000 रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। यह वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में जमा होती है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी एवं पैंशनभोगी व्यक्ति, जो चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा का लाभ उठाते हैं, पात्र नहीं होंगे।
डॉ विक्रम कटोच ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य लंबी बीमारी में उपचार के दौरान रोगियों तथा उनके परिजनों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्याओं से निजात दिलवाना है।
आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र के साथ आवश्यक बीमारी के दस्तावेज़, फोटो पहचान-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, स्थाई निवास का प्रमाण-पत्र, बीपीएल प्रमाण-पत्र, बैंक ख़ाते की पूर्ण जानकारी तथा जीवन प्रमाण-पत्र सलंग्न करके सम्बन्धित खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
उक्त दस्तावेज़ अपने क्षेत्र की आशा वर्कर तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से भी खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजे जा सकते हैं। मरीज़ के उक्त पूर्ण दस्तावेज़ खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने पर आशा वर्कर को 200 रुपये प्रति केस, प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस योजना की जानकारी के लिए आशा वर्कर या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क किया जा सकता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि यह योजना निश्चित रुप से, कमज़ोर वर्ग के प्रदेशवासियों के बेहतर स्वास्थ्य प्राप्ति की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह योजना निश्चित तौर पर स्वस्थ प्रदेश की परिकल्पना को सार्थक करने में सहायक होगी।
ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर कोई व्यक्ति किसी भी उपरोक्त बीमारी से पीड़ित होने पर, अपना पंजीकरण करवा कर योजना का लाभ उठा सकता है।
उन्होंने पात्र लाभार्थियों से योजना में प्राप्त होने वाली राशि के भुगतान में देरी से बचने के लिए, हर छः महीने बाद सम्बंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से जीवन प्रमाण-पत्र भेजने की अपील की है।