हमीरपुर। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर रोहतांग टनल शिलान्यास पट्टिका पर अब हल्की बात करते हुए हल्की राजनीति न करें। रोहतांग टनल हिमाचल में है और बतौर मुख्यमंत्री उन्हें सब ज्ञात है कि प्रदेश में कहां क्या हो रहा है।
रोहतांग टनल की शिलान्यास पट्टिका ओछी राजनीति व साजिश के तहत हटाई गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक रोहतांग टनल की शिलान्यास पट्टिका को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी द्वारा किए गए शिलान्यास की पट्टिका बीआरओ के पास सुरक्षित है और अब बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ही तय करेगा कि शिलान्यास पट्टिका कहां लगानी है। इस बारे में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के इस संवाद से यह बात तो साबित हो गई है कि रोहतांग टनल का शिलान्यास कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा ही किया गया था व इसकी नींव भी कांग्रेस कार्यकाल में ही पड़ी थी।
भले ही बीजेपी इस बात को मानने को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि बीआरओ वाली बात न न्यायसंगत न तर्कसंगत है। सरकार का ब्यान साबित करता है कि रोहतांग टनल का निर्माण कार्य कांग्रेस की ही सोच थी।
राणा ने कहा कि बीआरओ एक सरकारी निर्माण एजेंसी है, जो कि भारत सरकार के ही अधीन आती है। बीआरओ कोई ट्रंप प्रशासन के अधीन नहीं है जो कि अब शिलान्यास पट्टिका लगाने की अनुमति उसे इंटरनेशनल लेवल पर ट्रंप प्रशासन से लेनी है।
उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र में दोनों जगह बीजेपी की सरकार है और बीआरओ भी भारत सरकार के अधीन ही आता है इसलिए मुख्यमंत्री बचकानी बात करके ओछी राजनीति न करें।
पूरा देश व प्रदेश जानता है कि रोहतांग टनल का शिलान्यास राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के हाथों हुआ है। इस टनल को बनाने की सोच किसकी रही है और कैसे यह सपना साकार हुआ है, इसका सर्टिफिकेट देश और प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नहीं लेना है, जनता सब जानती है।
राणा ने कहा कि बीजेपी इस मामले पर ओछी राजनीति न करे और न ही इस मामले पर राजनीति करते हुए विकास के इतिहास से छेड़छाड़ करने का गुनाह न करे।
उन्होंने कहा कि रोहतांग टनल के निर्माण में श्रेय लेने जैसी कोई बात नहीं है। प्रदेश की जनता के साथ-साथ मुख्यमंत्री स्वयं इस बात को जानते हैं कि रोहतांग टनल की नींव जनजातीय क्षेत्र की पहली महिला विधायक लता ठाकुर की मांग पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सोच का प्रमाण व परिणाम है।