3 अक्टूबर का दिन हिमाचल के इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में जाएगा लिखा: कश्यप

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शिमला। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि 3 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है जब अटल सुरंग का उद्घाटन देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं।

यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि जब से हिमाचल प्रदेश में सरकार बनी है यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चौथा दौरा हिमाचल प्रदेश में होने जा रहा है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां प्रधानमंत्री कोरोना काल में स्वयं मौजूद रहकर किसी योजना का उद्घाटन कर रहे हैं। यह उनके हिमाचल के प्रति विशेष लगाव को प्रदर्शित करता है जिसका वे स्वयं भी कई बार जिक्र कर चुके हैं। नरेन्द्र मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर मानते हैं जोकि प्रत्येक हिमाचलवासी के लिए गौरव की बात है।

सुरेश कश्यप ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी ने रोहतांग में टनल बनाने का सपना देखा था जोकि 3 अक्तूबर को साकार होने जा रहा है इसलिए प्रदेश सरकार ने इस टनल का नाम अटल टनल रखा है।

यह टनल सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है तथा इस टनल के बनने से जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पिति की जनता को काफी सुविधा मिलेगी, क्योंकि सर्दियों में यह जनजातीय जिला 6 माह के लिए शेष विश्व से कट जाता था लेकिन इस सुरंग के बनने से अब पूरा वर्ष आवाजाही के लिए खुला रहेगा।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 3 अक्तूबर को भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता अपने-अपने मंडल में एलईडी स्क्रीन पर इस कार्यक्रम को लाइव देखेंगे। सभी जिला मंडल एवं प्रदेश के पदाधिकारी अपने-अपने मंडलों में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर भी लाइव दिखाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को सुबह 10 बजे रोहतांग में अटल सुरंग का उद्घाटन करेंगे । अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल है, यह 9 किलोमीटर लंबी सुरंग, मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है। यह स्थानीय लोगों के लिए एक जीवन रेखा बन के सामने आएगी।

अटल सुरंग समंदर से 3000 मीटर यानी लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर है। इसे हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में अल्ट्रा-आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया गया है, अटल सुरंग, मनाली और लेह के बीच सड़क की 46 किलोमीटर दूरी को कम करती है, जिससे समय में लगभग 4 से 5 घंटे बचत होती है ।

सुरेश कश्यप ने कहा कि 3 अक्टूबर का यह दिन हिमाचल के इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

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