आपदा की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों से जानमाल की क्षति को कम किया जा सकता हैः सुरेश भारद्वाज

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शिमला। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा संयुक्त रूप से सस्टेनेबल एण्ड सेफ हिली ऐरिया डवेल्पमेंट विद फोक्स आॅन अर्थक्वेक, लेंडसलाइड एण्ड फलडस’ विषय पर आयोजित वेबिनार के दौरान कहा कि विश्व का 58 प्रतिशत भू-भाग और देश के लगभग 21 राज्य और 4 केन्द्रशासित प्रदेश प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है।

हिमालय और पश्चिम घाट के क्षेत्र भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण हमेशा प्रभावित रहते हैं। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत अतिसंवेदनशील है।

उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित राहत एवं बचाव कार्यों से जान-माल की क्षति को कम किया जा सकता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण इन खतरों और जोखिमों को कम करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान लोगों को आपदा प्रबन्धन संबंधी जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को कम करने के लिए हमें अपनी योजनाओं में मूलभूत बदलाव करने होंगे।

उन्होंने कहा कि इस वेबिनार के आयोजन से हमें हिमालय के क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं का विकास करने में मदद मिलेगी जिससे इन खतरों की संभावनाओं को कम किया जा सके।

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