हमीरपुर। विधानसभा सत्र में प्रदेश के मुद्दों को लेकर मुखर होने के बाद लौटे राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि प्रदेश की खराब हो चुकी हालत को लेकर विधानसभा में घिरी जयराम सरकार पूरी तरह रक्षात्मक रही।
उन्होंने कहा कि झूठ की राजनीति को बेस बनाकर सियासत करने वाली बीजेपी विधानसभा में कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी है। सरकार की फिजूलखर्ची ने प्रदेश पर कर्ज का नया संकट खड़ा कर दिया है।
प्रदेश सरकार केंद्र से जीएसटी का करोड़ों रुपया वापिस लेने में नाकाम रही है और अब जीएसटी की एवज में भी कर्ज उठाने लगी है। प्रदेश में 2 हजार से ज्यादा नागरिक खुदकुशी कर चुके हैं। 1 हजार से ज्यादा कन्याएं व महिलाएं बलात्कार का शिकार हो चुकी हैं।
कत्ल की वारदातों का सिलसिला निरंतर जारी है। सरकार के मंत्री बेनामी सौदों के आरोपों के घेरे में हैं। राणा ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों की खुली लूट के चलते दलाल व माफियों का बोलबाला है। यहां तक कि अब सरकार पर केंद्र की तर्ज पर सरकारी संसाधनों टूरिज्म के होटलों के भी अंदरखाते सौदे करने के आरोप लगे हैं।
करोड़ों रुपए के खर्च के बाद इन्वेस्टर मीट का प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिला है। राणा ने कहा कि दरअसल में कर्जे में डूबी सरकार पर जब अपने ही प्रदेश के नागरिकों को भरोसा नहीं रहा
है तो बाहर से आने वाले इंडस्ट्रियलिस्ट इस सरकार पर कब भरोसा करेंगे।
प्रदेश में अपराधिक कारनामों को छिपाने व दबाने में लगी सरकार फर्जी डिग्रियों के मामले को सीबीआई व ईडी को सौंपने से बच रही है। राणा ने कहा कि इसका एक ही कारण समझा जा रहा है कि सरकार के कुछ अपने लोग फर्जी डिग्रियों के होल सेल के कारोबार में संलिप्त हो सकते हैं जिनको बचाने के लिए सरकार इस मामले में टालमटोल कर रही है।