शिमला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश में छात्रों के समग्र विकास एवं जीवन मूल्य पर आधारित नीति है, जिसके तहत दुनिया से मांगने नहीं अपितु देने की क्षमता के रूप में ताकत खड़ी की जाएगी।
शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने आज हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ तथा हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय शैक्षिक संघ द्वारा सचिवालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर वेबिनार के माध्यम से पूरे प्रदेश के जिलों के शिक्षक संघों के अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि युवा मस्तिष्कों को तेजस्वी बनाकर धरती और समस्त ब्रम्हाण्ड में उसे सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करना शिक्षा और अध्यापन कार्य से जुड़े लोगों का ध्येय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति देश में नवसृजन और आने वाले समय में देश के उज्जवल भविष्य के लिए अत्यंत सार्थक साबित होगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हिमाचल सरकार इस नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू कर पूरे देश में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत जो पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक के बच्चों की जिस विषय में रूचि हो उस विषय का चयन कर प्राथमिकता के आधार पर अपनी मातृ भाषा को पढ़ सकते है।
इस नई नीति के तहत बच्चों को किसी भी विषय के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत बच्चों को पाठ्यक्रम से लेकर व्यवसायिक कोर्स तक सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस शिक्षा नीति के तहत छात्र एवं छात्राओं को किसी भी तरह का मानसिक दबाव नहीं पडे़गा। उन्होंने कहा कि देश में कोई भी विद्यार्थी अपने देश की दो भाषाओं के साथ-साथ किसी एक विदेशी भाषा में भी पढ़ाई कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य प्रदेशों तथा देशों में जाकर अपनी पढ़ाई करते थे उसी तरह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को किसी भी विषय में अपनी पढ़ाई को पूर्ण करने के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएगी।
उन्होंने अध्यापन कार्य से जुड़े लोगों का आह्वान किया कि इस संबंध में गोष्ठियां, शोध, कार्यशालाओं व लेख के माध्यम से अधिक से अधिक आगे बढ़ कर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा नीति के प्रसार के लिए टास्कफोर्स का गठन कर एक समर्पित टीम इसके लिए कार्य करने का प्रयास करेगी। नई शिक्षा नीति को लागू करने में हिमाचल प्रदेश देश में अग्रणी राज्य के रूप में बनकर उभरे। इस दिशा में सभी के सहयोग की आवश्यकता है।