शिमला। भाजपा प्रदेश सचिव एवं विधायक विनोद कुमार ने कहा कि विपक्षी दल के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए युद्ध के मुद्दे को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया संदेश स्पष्ट नहीं था। पर हम कहना चाहते हैं कि इससे स्पष्ट संदेश विपक्ष को क्या चाहिए जब प्रधानमंत्री ने सीधा सीधा पाकिस्तान को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया है।
विनोद कुमार ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि इसका एक बड़ा और प्रभावशाली ‘नॉन-मिलिट्री पोर्शन’ भी था। इस रणनीति के अंतर्गत भारत सरकार ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय लिया।
पाकिस्तान की 90% जनता और 80% कृषि इस जल पर निर्भर करती है। यदि भारत इस जल प्रवाह को रोक दे तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट जाएगी। पाकिस्तान की जीडीपी गिर जाएगी, कृषि व्यवस्था चरमरा जाएगी, और देश संकट में डूब जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा था, “हम घुसकर मारेंगे और मिट्टी में मिला देंगे।” वह आज पूरे देश ने साकार होते देखा है। यह केवल शब्द नहीं थे, यह भारत के संकल्प, सामर्थ्य और गौरव का जीवंत उदाहरण था।
ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत का एक संपूर्ण और निर्णायक प्रतिघात है। यह कार्यवाही न केवल आतंकियों को समाप्त करने के लिए की गई, बल्कि इसके नॉन- मिलिट्री आयाम भी उतने ही प्रभावशाली थे, जिसने पाकिस्तान को एक कमज़ोर स्टेट के रूप में उजागर कर दिया।
सिंधु जल संधि, जिसे 1960 से भारत ने तमाम युद्धों के बावजूद जारी रखा, उसे इस बार स्थगित कर दिया गया। झेलम और चिनाब नदियों के जल पर अब भारत सरकार का पूर्ण नियंत्रण है।
भारत अब इन नदियों पर बांध निर्माण, जल संग्रहण, सिंचाई और हाइड्रो पावर के माध्यम से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को व्यापक लाभ पहुंचाने जा रहा है। यह वह कार्य है जो 50 वर्षों में नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज यह असंभव कार्य भी संभव हो गया। भारत सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”
भाजपा विधायक विनोद कुमार ने कहा कि भारत धरातल पर काम करता है सोशल मीडिया पर नहीं। पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान जब हार मनी तो डीजीएमओ पाकिस्तान ने डीजीएमओ भारत से बात की और सीजफायर मांगा।
भारतीय सेवा को यह मैसेज पहुंचने में लगभग एक घंटा लगता है। इस दौरान अगर कोई देश सोशल मीडिया पर कुछ लिख दे तो उससे कांग्रेस को क्या तकलीफ है।