शिमला। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
बता दें कि 14 मार्च की रात्रि 11:43 बजे एक पीसीआर कॉल के माध्यम से सूचना मिली थी कि 30 तुगलाक़ क्रेसेंट कोठी के अंदर आग लगी है। ये कोठी उच्च न्यायालय, दिल्ली के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को आवंटित है।
तुरंत दमकल की दो गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया। आग कोठी के एक कोने में चारदिवारी से लगे हुए कुछ कमरे हैं, उनमें लगी थी। इन कमरों का इस्तेमाल स्टोर के रूप में किया जाता था।
इन्हीं में से एक कमरे में कोठी पर तैनात कुछ सुरक्षाकर्मी भी रहते हैं। आग पे तुरंत काबू किया गया। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया गया।
उक्त कमरे में, आग के काबू में आने के बाद 4-5 अधजली बोरियां मिली, जिनके अंदर भारतीय करेंसी होने के अवशेष मिले थे।