भाजपा को नया अध्यक्ष चुनना चुनौतीपूर्ण, तो कांग्रेस को भितरघात का भय
शिमला। जाने माने अंक ज्योतिषी एवं वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च 2025 को इस वर्ष का पहले चंद्र ग्रहण प्रातः 10:40 से 2:18 दोपहर तक लगने जा रहा है। इस ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं रहेगा। परंतु यह एक खगोलीय घटना है तो असर कहीं न कहीं इसका असर हर जगह पड़ेगा।
चंद्र ग्रहण राज्य में भी राजनीतिक उथल पुथल के संकेत दे रहा है। किसी को राजनीतिक लाभ होगा तो किसी की कुर्सी जाने के योग है। भाजपा के लिए भी संकट का समय है। नया अध्यक्ष का चुनाव चुनौती पूर्ण होगा। नाम किसी का और पद कोई और ही ले लेगा।
दूसरी ओर कांग्रेस में भीतरघात के संकेत है। कांग्रेस का कोई नेता पद छोड़ने की धमकी दे सकता है। सत्ता व संगठन में तालमेल कम रहेगा। प्रदेश कांग्रेस को भी नया अध्यक्ष मिलेगा। देश व प्रदेश के मुखिया को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान सभी लोग अपने अपने घरों में शिव पूजा करे। पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि अंक गणना के हिसाब से बुध के पांच अंक पर तिथि 1 + 4 = 5 अंक यह ग्रहण लग रहा है। 1 अंक सूर्य का है वहीं 4 अंक राहु का है। सूर्य सत्ता और यश का कारक है। जबकि राहु षड्यंत्र और श्मशान का कारक है।
इस चंद्र ग्रहण से दुनिया के पटल पर कहीं सत्ता परिवर्तन व कहीं किसी बड़े नेता को अचानक मृत्यु का योग बन रहा है। इस ग्रहण के पश्चात जनता मानसिक तनाव में रहेगी। देश और दुनिया के बड़े लोगों को बड़ा झटका लगेगा।
29 मार्च सूर्य ग्रहण : दूसरी बड़ी खगोलीय घटना
पंडित शशिपाल डोगरा ने बताया कि मार्च में दूसरा (सूर्य) ग्रहण 15 दिन के अंदर शनिवार 29 मार्च, 2025 को लग रहा है। दो ग्रहण का एक साथ कम समय में लगना देश और दुनिया में किसी बड़े उथल पुथल के योग बन रहा है। दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की प्रबल संभावना बढ़ा रही है। इस खगोलीय घटना के पश्चात किसी बड़ी दुर्घटना का योग है।
अगर बात की जाए हिमाचल प्रदेश की तो यहां किसी नेता के खोने से चुनाव का योग है। चंद्र ग्रहण किसी बड़े संकट के संकेत दे रहा है। बुध के अंक 14 मार्च 1 + 4 = 5 अंक पर चंद्र ग्रहण और चंद्र के अंक 29 मार्च 2+9=11=1+1=2 दोनों आपस में परस्पर शत्रु अंक है। किसी बड़ी अनहोनी के संकेत दे रहा है। किसी बड़े नेताओं को संकट में डाल देगा। जेल यात्रा का योग बन रहा है।
14 मार्च और 29 मार्च को पड़ने वाले दो ग्रहण विश्व पटल पर किसी बड़े परिवर्तन और संकट के संकेत दे रहे हैं। सत्ता, राजनीति और वैश्विक घटनाओं पर इसका असर देखने को मिल सकता है। इन ग्रहणों के दौरान ध्यान, प्रार्थना और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना शुभ माना जाता है।