शिमला। पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता बिक्रम ठाकुर ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के विभाग में टेंडर आवंटन में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने बुधवार को शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान आरोप लगाया कि हमीरपुर जिला के बडसर के लिए पेयजल की एक योजना योजना व्यास नदी से बनाए जानी प्रस्तावित थी।
इसके तहत बड़सर क्षेत्र की पेयजल योजनाओं के ओगूमटेशन के लिए एक प्रोजेक्ट आया था। इसकी लागत शुरू में 200 करोड़ थी, इसका टेंडर आवंटित कर दिया।
इसके बाद अधिकारियों ने फिर से नजदीक की नदी सतलुज से इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बनवाई। ये 131 करोड़ की बनी। विभाग की कमेटी ने पहले की कंपनी को ही बिना किसी टेंडर के ये काम दे दिया।
उन्होंने दावा किया कि कमेटी के एक सदस्य ने दो पन्ने का पत्र भी इस मसले को लेकर सरकार को भेजा था। इसके बावजूद सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने इस पूरे मामले की विजिलेंस से जांच करने की मांग की है। यदि विजिलेंस की जांच नहीं होती है तो पूरे मामले को केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए सौंपना होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसी विभाग में राज्य के पांच शहरों की सीवरेज की योजना के लिए प्रोजेक्ट आया। नियमों के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों को वित्तीय व तकनीकी दोनों तरह की बिड में हिस्सा लेना था। उन्होंने आरोप लगाया कि पांच शहरों की सीवरेज की योजना के लिए आए टेंडर के आवंटन में भी हेराफेरी हुई हैं।
पांच शहरों के टेंडर के लिए सभी कंपनियों ने तकनीकी बिड मेंं हिस्सा लिया। दो कंपनियों को तकनीकी बिड से ही बाहर कर दिया। इन्हें वित्तीय बिड में हिस्सा लेने का मौका तक नहीं दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि तीनों कंपनियों ने मिलकर बाद में ये काम दिया है। इसमें भी हेराफेरी हुई है। इस मामले की भी जांच की जानी चाहिए। इससे तीनों कंपनियों से मिलकर सरकार को करोड़ों का चूना लगा है। इसकी भी जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ही खर्च दिया हिमाचल के लिए आया बजट
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ने मुख्यमंत्री को भी घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल की पेयजल योजनाओं के लिए 200 करोड़ की राशि केंद्र ने स्वीकृत की थी। इस स्वीकृत राशि को मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन ही खर्च दिया।
यहां के लिए तीन 60-60करोड के प्रोजेक्ट बने हैं। एक बीस करो़ड़ का प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। साथ ही आरोप लगाया कि हिमाचल के लिए आए पैसे से एक ही क्षेत्र का विकास किया जा रहा है।