बिका हुआ कमल नहीं खिलेगा, बिकाऊ चेहरे उतारने से भाजपा कार्यकर्ता मायूस : मुख्यमंत्री सुक्खू

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धर्मशाला/देहरा/धर्मपुर/सुजानपर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तूफानी दौरा कर देहरा के मुहाल, धर्मपुर के चलोथरा, सुजानपुर, कुटलैहड़ के समलाड़ा व कोट में जनसभाओं को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिका हुआ कमल नहीं खिलेगा। कांग्रेस के बिकाऊ विधायकों को टिकट देने से भाजपा के असली कार्यकर्ता मायूस हैं। लोकसभा के साथ छह विधानसभा सीटों पर भाजपा को मुंह की खानी पड़ेगी।

उपचुनाव तो साढ़े तीन साल के लिए हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ताओं का असल चुनाव तो 2027 में होगा। वे धनबल को हराने के लिए पार्टी विचारधारा से ऊपर उठकर वोट करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को लू लग गई है। वह कुछ भी बोल रहे हैं, जयराम जुबान के पक्के नेता नहीं हैं। वह सुबह कुछ और शाम को कुछ बोलते हैं। हमारी सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस दी, जिस कर्मचारी को 5 हजार पदंशन मिलती थी उसे 50 हजार मिल रही है। इससे जयराम बौखला गए हैं।

उन्हें ओपीएस की फ़ाइल सपने में दिख रही है, जयराम कह रहे हैं कि सरकार ओपीएस की पेंशन 30 प्रतिशत करने जा रही है। नेता प्रतिपक्ष को यह फ़ाइल कहां से सपने में दिख रही है, वह ही बता सकते हैं। लू लगने से जयराम अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार आर्थिक स्थिति ठीक होने पर बोर्ड और निगमों के सभी कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर को झूठ बोलने का फोबिया हो गया है। वह जोलसप्पड़ मेडिकल कॉलेज व रेलवे लाइन पर झूठ बोलते आ रहे हैं। खुद तो वह टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के बाद कैप्टन बन गए और युवाओं को अग्निवीर बना डाला। यह देश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही अग्निवीर योजना बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा किस मुंह से यह चुनाव लड़ रही है, जिसने बिकाऊ विधायकों को अपना कमल बेच डाला। खुद को सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा की यह स्थिति हो गई है कि कमल बेचकर उम्मीदवार खड़े करने पड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 बिकाऊ विधायक जिनमें तीन आजाद भी हैं, जनता इन्हें अब हिमाचल की संस्कृति समझाएगी। इनका घर बैठना तय है। इन्होंने हाथ बेचकर कमल खरीदा है।
मुख्यमंत्री ने चारों लोकसभा उम्मीदवारों आनंद शर्मा, सतपाल रायजादा, विक्रमादित्य सिंह, विनोद सुल्तानपुरी, विधानसभा उम्मीदवार कैप्टन रणजीत, विवेक शर्मा, देवेंद्र जग्गी, सुभाष ढटवालिया, अनुराधा व राकेश कालिया को जिताने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ईमानदार उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

इनकी साफ छवि को देखकर टिकट दिया गया। चुनाव प्रचार बंद होने के बाद आपके पास सोचने के लिए 24 घंटे होंगे कि आप वोट डालने क्यों जा रहे हैं। क्योंकि पूर्व विधायक राजेंद्र, सुधीर, रवि, चैतन्य, देवेंद्र व इंद्रदत्त बिके हैं। उन्होंने हाथ को बेचकर मुरझाया कमल खरीदा।

भाजपा कार्यकर्ताओं का असली चुनाव तो 2027 में होगा, क्योंकि तब उनके अनुसार टिकट मिलेगा। इस बार तो कमल खरीदकर बिके विधायक चुनाव लड़ रहे हैं। जहां उपचुनाव हो रहा है, वहां मैं भी अगले साढ़े तीन साल जनता के विधायक के तौर पर काम करूंगा। राजेंद्र राणा का इतिहास ठगने का रहा है।

पहले दाल चावल बांटकर गरीब लोगों को ठगा, फिर कांग्रेस को ठगा खुद के लिए लोकसभा व पत्नी के लिए विधानसभा का टिकट लिया, जनता जागरूक है उसने दोनों को हरा दिया।

भाजपा सरकार में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन रहते बाढ़ के समय लोगों के कंधे पर बैठकर नाला पार किया। कैप्टन रणजीत को सेना मैडल मिला है, उन्हें सरहद पर सीना तानकर दुश्मन की गोली का सामना किया।

जयराम ठाकुर के समय 5 साल में मात्र 20000 नौकरियां निकली, वे भी हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अटकी रहीं। हमने 22000 नौकरियां एक साल में निकाली। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जून को बिकाऊ विधायकों को सबक सिखाने का समय है। 6 कांग्रेस विधायकों के साथ 3 आजाद विधायक भी बिक गए।

कांग्रेस के 34 विधायकों ने ईमानदारी का परिचय दिया, ईमान नहीं बेचा, उन पर नाज है। 1500 रुपये सभी महिलाओं के लिए हैं, यह कांग्रेस की महिलाओं को ही नहीं भाजपा वाली बहन, बेटियों व माताओं को भी मिलेगा।

बिकाऊ विधायकों को रात को नींद नहीं आ रही। उन्हें भाजपा से मिले सामान के अटैचियों की चिंता हो रही है कि कोई उन्हें चुरा न ले। अगर बिकाऊ विधायक, उनके परिवार के लोग पैसे दें तो डबल लें, लेकिन वोट कांग्रेस को ही दें।

मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है कि जनबल को जिताएं और धनबल को हराएं। अगर धनबल गलती से जीत गया तो जनता के वोट की ताकत खत्म हो जाएगी।

जनता वोट देकर विधायक चुनेगी और भाजपा उन्हें खरीद लेगी। इसलिए वोट से चुने विधायक खरीदने वाली पार्टी को हराकर कड़ा संदेश दें कि हिमाचल में खरीद फरोख्त की राजनीति नहीं चलने वाली है।

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