धर्मशाला। राज्य के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को ई-मार्केटिंग के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। इस के लिए डाक विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा ताकि स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों के विपणन की बेहतर सुविधा मिल सके।
यह जानकारी ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सोमवार को धर्मशाला के डीआरडीए भवन में ग्रामीण विकास विभाग के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के सुदृढीकरण और लोकल उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है ताकि ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा तैयार उत्पादों जैसे बांस से निर्मित उत्पाद, पत्तलें, मिट्टी के बर्तन इत्यादि, कांगड़ा पेंटिंग, चंबा रूमाल आदि के प्रदर्शन एवं विपणन के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र, जहां भी समुचित सार्वजनिक स्थल उपलब्ध करवाया जाएगा, वहां पर इन उत्पादों के प्रदर्शन तथा विक्रय हेतु आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी इसके साथ ही निकट भविष्य में सरस मेलों के आयोजन की भी योजना है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने समग्र मनरेगा कार्यक्राम आरंभ किया है तथा ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को मनरेगा समग्र के तहत रोजगार के लिए आवेदन करने वालों को त्वरित प्रभाव से कार्य उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत आवंटित बजट को दो माह के भीतर खर्च करना सुनिश्चित करें इस के लिए नियमित तौर पर मीटिंग भी आयोजित जाएगी।
इसके साथ ही 14वें वित्तयोग की आवंटित धनराशि को भी आगामी दो माह के भीतर खर्च करने निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिला में चार विभिन्न स्थलों पर काउ सेंचुरी के लिए जमीन चिह्न्ति कर ली गई है तथा निर्माण कार्य के लिए चार करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई है।
उन्होंने पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि काउ सेंचुरी का निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए शीघ्र उचित कदम उठाए जाएं ताकि लावारिश पशुओं और गौ धन को सुरक्षित रखा जा सके इसमें सामाजिक सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों को समयबद्व पूरा करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं इसके साथ ही विकास कार्यों में गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से चल रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी मुहैया करवाई जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभांवित हो सकें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग को आपसी समन्वय स्थापित कर योजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन में अपना सहयोग सुनिश्चित करना चाहिए।