शिमला। प्रदेश सरकार अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कृतसंकल्प है। प्रत्येक व्यक्ति को घर के समीप सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए नई पहल की जा रही हैं। वहीं, जरूरतमंद लोगों को गम्भीर रोगों के उपचार के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष इस दिशा में सार्थक सिद्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन जरूरतमंद गरीब लोगों को गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत किया गया है। इसमें ओपीडी तथा अन्य सम्बद्ध व्यय भी शामिल हैं। लाभार्थी को सक्षम प्राधिकारी से आय प्रमाण पत्र अपने आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होता है।
कैंसर, मुख्य हृदय रोग शल्य चिकित्सा, एएसडी, वीएसडी, वॉल्व प्रतिस्थापन व बाईपास सर्जरी, रीढ़ की हड्डी से जुड़ी शल्य चिकित्सा, गुर्दे के प्रत्यारोपण सहित ब्रेन सर्जरी जैसी गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है।
पात्र लाभार्थी प्रदेश में स्थित सभी राजकीय अस्पतालों सहित पीजीआई चण्डीगढ़, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल, सैक्टर-32 चंडीगढ़ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त प्रदेश में संचालित विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में भी उपचार पर इस कोष के तहत सहायता प्रदान की जाती है।
वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के तहत 1 जनवरी, 2023 से लेकर अब तक 1 करोड़ 59 लाख 60 हजार 548 रुपये की सहायता राशि जारी की जा चुकी है। इसके अंतर्गत 57 लाभार्थियों को 35 लाख 15 हजार 548 रुपये की राशि उनके खातों में भेजी गई है। इसके अतिरिक्त 1 करोड़ 24 लाख 45 हजार रुपये की राशि सम्बंधित अस्पतालों को जारी की गई है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आय प्रमाण-पत्र, अनुमानित उपचार लागत, उपचार उपरान्त आवेदन की स्थिति में सत्यापित मूल बिलों की प्रतियां, फोटो पहचान-पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति इत्यादि दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय अथवा स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। उपायुक्त अथवा स्थानीय विधायक के माध्यम से भी चिकित्सा सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सरकार द्वारा प्रदेश में ज़रूरतमंद व्यक्तियों को उपचार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत भी सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस कोष के माध्यम से 01 जनवरी, 2023 से अब तक 26 लाभार्थियों को लगभग 75 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि अंतिम व्यक्ति तक आधुनिक एवं सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाना एक कल्याणकारी राज्य का प्रथम कर्तव्य होता है। इसी भावना के साथ कार्य करते हुए ज़रूरतमंदों को गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।
वर्तमान प्रदेश सरकार ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ कर वहां डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ की तैनाती भी सुुनिश्चित कर रही है। इससे लोगों को घर-द्वार पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।