प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को बंद करने का निर्णय राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के आधार पर
शिमला। वर्तमान कांग्रेस की सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लिए गए सभी अच्छे निर्णयों को राजनीतिक विद्वेष की भावना से बदल रही है जिसका बड़ा दुष्परिणाम हिमाचल प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ बिन्दल ने कही।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को बंद करना, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को बंद करना, पटवार सर्कल, तहसील ऑफिस, पीडब्ल्यूडी, आईपीएच, बिजली बोर्ड के दफ्तर, एसडीएम के दफ्तर और काॅलेज इत्यादि को बंद करना केवल और केवल राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से लिए गए अदूरदर्शी निर्णय हैं।
डाॅ बिन्दल ने कहा कि इसी कड़ी में कांग्रेस सरकार ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को बंद करने का निर्णय लिया है जो कि पूरी तरह से राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के आधार पर लिया गया निर्णय है।
हिमाचल प्रदेश को ऑर्गेनिक फारमिंग का बहुत बड़ा केन्द्र बनाने के उदेश्य से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की शुरूआत की गई।
हजारों किसानों ने प्रदेशभर में इसका प्रशिक्षण लिया और प्राकृतिक खेती करनी शुरू की जिसके अच्छे परिणाम हिमाचल में आये। किसान को समृद्ध बनाने वाली इस योजना को जहां जयराम ठाकुर सरकार ने शुरू किया, वहीं राज्यपाल आचार्य देवव्रत का बड़ा योगदान रहा।
और तो और हिमाचल प्रदेश के कार्यों से प्रभावित होकर राष्ट्रीय स्तर पर संसद सदस्यों को आचार्य देवव्रत ने सम्बोधित किया। इस तकनीक से बनाई गई खाद का उपयोग कई देशों के विभिन्न हिस्सों में कामयाबी से किया जा रहा है।
ऐसे में कांग्रेस सरकार द्वारा इस महत्वकांक्षी योजना को बंद करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय की कडे़ शब्दों में निंदा करती है।
डाॅ बिन्दल ने कहा कि गोबर, गौ मूत्र और गुड़ से निर्मित खाद सदैव ही गुणकारक रहेगी और इस प्रकार तैयार की गई फसलें मनुष्य शरीर को स्वस्थ रखने में अपना योगदान देंगी।