फ्लैगशिप परियोजनाओं से जुड़े एफसीए और एफआरए मामलों के निपटारों में लाएं तेजी : मुख्यमंत्री

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शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार देर सायं शिमला में वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) मामलों के निपटारे में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि विकासात्मक परियोजनाओं का कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और हेलीपोर्ट के निर्माण जैसी महत्वकांक्षी परियोजनाओं की समयबद्ध स्वीकृति महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश के लोगों को लाभान्वित करने के लिए विभाग से इन परियोजनाओं से जुड़े मामलों को प्राथमिकता प्रदान करने को कहा।

उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के बनखंडी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ज्यूलॉजिकल पार्क (चिड़ियाघर) के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है। उन्होंने इसके निर्माण कार्य से सम्बंधित प्रारम्भिक प्रक्रियाएं शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

उन्होंने पार्क के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का सलाहकार नियुक्त करने पर बल देते हुए कहा कि इससे अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार पर्यटकों को यहां बेहतर अनुभव एवं अन्य सुविधाएं सुनिश्चित होंगी।

प्रदेश में ईको-टूरिज्म गतिविधियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के अग्रणी निजी हित धारकों को आमंत्रित करने के लिए शीघ्र ही विज्ञापन जारी किए जाएंगे। प्रदेश में ईको-टूरिज्म स्थलों को क्लस्टर और व्यक्तिगत स्तर पर निजी कंपनियों को दिया जाएगा जिससे प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ईको-टूरिज्म को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि पर्यटन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है।

मानसून के दौरान गिरे पेड़ोें के मुद्दे पर चर्चा करते हुए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग को गिरे पेड़ों को हटाकर उनका निपटारा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने प्रदेश की राजस्व हानि को कम करने की दिशा में गणना, अंकन, निष्कर्ष और निपटारे के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को अन्तिम रूप देने पर भी बल दिया।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पौधरोपण की सफलता के लिए रोपे गए पौधों की जीवन्तता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की जबावदेही सुनिश्चित करने पर बल दिया।

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