संत रविदास की शिक्षाएं वर्तमान परिपेक्ष्य में और भी प्रासंगिक : राज्यपाल

Spread with love

शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि संत गुरू रविदास जी किसी एक समुदाय से सम्बंधित नहीं थे बल्कि उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थीं जोकि आज प्रासंगिक हैं। उन्होंने लोगों से भेदभाव मुक्त समाज के निर्माण के लिए संत रविदास की शिक्षाओं का पालन करने का आग्रह किया।


राज्यपाल आज जिला ऊना के संतोषगढ़ के प्रसिद्ध जोड़ मेला में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जोड़ मेला ऐतिहासिक है जिसका इतिहास संघर्षपूर्ण रहा है।

उन्होंने कहा कि वह सभी व्यक्ति जिन्होंने इस मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष किया है वह सभी के लिए सम्मानीय हैं। उन्होंने मंदिर समिति से आह्वान किया कि वह इस संघर्ष की कहानी को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करवाएं ताकि आने वाली पीढ़ियां इस इतिहास को जान सकें।

राज्यपाल ने कहा कि संत रविदास ने जीवन भर समाज में भेदभाव को दूर करने का भरसक प्रयास किया। उन्होंने पूरे समाज को एकजुट होने की शिक्षा दी। उन्हांेने जिन विषयों को समाज के सामने रखा, वह समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।

उन्होंने कहा कि संत रविदास की शिक्षाएं हमें एक साथ रह कर एक आदर्श समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करती हैं।

उन्होंने कहा कि संत रविदास के विचार राष्ट्र के लिए हैं और वह राष्ट्रीय संत हैं। उनकी शिक्षाओं को जीवन में ग्रहण करने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर मंदिर निर्माण के संघर्ष काल में जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने संत रविदास जोड़ मेला के संस्थापक शिंगारा राम संगुड़ा के परिजनों को भी सम्मानित किया।

इससे पूर्व राज्यपाल ने संत रविदास के मंदिर में माथा टेका। गुरू रविदास जोड़ मेला समिति के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: