अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत 1 जुलाई से 14 दिसंबर तक जिला में 15 मामले दर्ज

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शिमला। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में यहां रोजना हॉल में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 के अंतर्गत चल रहे मामलों के संदर्भ में विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

उपायुक्त ने बताया कि जिला शिमला में 1 जुलाई 2022 से 30 नवंबर 2022 तक 18 पीड़ितों को 17 लाख 10 हजार रुपए की राहत राशि वितरित की गई है। उन्होंने इस संदर्भ में जिला कल्याण अधिकारी को बिना किसी देरी से पीड़ितों को राहत राशि मुहैया उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि अधिनियम के अंतर्गत पीड़ितों को न्यूनतम 1 लाख रुपए और अधिकतम 8 लाख 25 हजार रुपए तक की राहत राशि का प्रावधान है।

आदित्य नेगी ने बताया कि 1 जुलाई 2022 से 14 दिसंबर 2022 तक जिला में विभिन्न पुलिस थानों के अंतर्गत 15 मामले पंजीकृत किए गए है तथा 7 मामलों की रिपोर्ट रद्द की गई है।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से वांछित दस्तावेजों की प्रतियां जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में जल्द से जल्द भेजने के निर्देश दिए ताकि इस संबंध में आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।

उन्होंने कहा कि जिला शिमला में अधिनियम के तहत विभिन्न न्यायालयों में 57 मामले लंबित हैं।

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