हमीरपुर 8 जून, 2020। राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि सरकार निजी बस ऑपरेटरों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। महामारी के दौर में आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी बस ऑपरेटरों द्वारा चक्का जाम व आंदोलन की चेतावनी न जनता के हित में है और न सरकार के हित में है।
आर्थिक संकट से घिरे समाज के आक्रोश से प्रदेश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। लॉकडाउन के बाद निजी ऑपरेटरों की बसें खड़ी रहीं, जिस कारण से भी इस वर्ग को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि इस दौरान के विभिन्न टैक्स व लोन की किश्तों ने भी निजी बस ऑपरेटरों को खासा परेशान किया है।
निजी बस ऑपरेटर समाज को सेवा देने वाला एक अहम वर्ग है। इस वर्ग से प्रदेश के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है, इसलिए सरकार को इनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके कोई ऐसा हल निकाले जो निजी बस ऑपरेटरों व जनता दोनों के हित में हो।
राणा ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग के चलते 60 फीसदी सवारियों में बसें चलानी जरूरी हैं, तो जब तक कोरोना का प्रभाव रहता है तब तक 40 फीसदी खर्चा सरकार वहन करे या ऐसे में इस वर्ग के लिए सरकार टैक्स व डीजल में प्रदेश स्तर पर लगने वाला वैट कम करके इनको राहत दी जा सकती है।
इसी राहत के आधार पर इस समस्या का हल भी निकल सकता है। राणा ने मांग की है कि सरकार निजी बस ऑपरेटरों के हित में सकारात्मक फैसला लेकर कोई रास्ता निकाले अन्यथा आर्थिक तौर पर पिस चुके इस वर्ग का आक्रोश सरकार व समाज के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
इसलिए उनकी समस्याओं पर सरकार को सहानुभूतिपुर्वक विचार करना समय की मांग ही नहीं जरूरत भी है।