हिमाचल। प्रदेश की तेहरवीं विधान सभा का पंद्रहवां और आखिरी सत्र कल सम्पन्न हो गया है। यह मानसून सत्र 10 अगस्त से आरम्भ हुआ तथा इस मानसून सत्र के दौरान कुल 4 बैठकें आयोजित की गई। सदन की कार्यवाही 22 घंटे 40 मिनट चली।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अभी तक तेरहवीं विधान सभा की कुल 140 बैठकें आयोजित की गई हैं जो इस बात का परिचायक है कि सदस्य लोकतान्त्रिक प्रणाली में अटूट विश्वास रखते है तथा हिमाचल प्रदेश विधान सभा की उच्च परंपराओं तथा गरिमा का बेहद सम्मान करते हैं
उन्होंने कहा कि कोविड़ -19 की वजह से वर्ष 2020 का शीतकालीन सत्र हमें स्थगित करना पड़ा था बावजूद इसके हम 140 बैठकें आयोजित करने में कामयाब हुए हैं जिसका श्रेय हिमाचल प्रदेश सरकार के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों तथा विशेष रूप से विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को जाता है जो सीधे तौर पर इसके आयोजन से जुड़े हैं।
इन 5 वर्षों में कुल 10513 सूचनायें प्रश्नों के रूप में सदस्यों से प्राप्त हुई है जिनमें से 7414 तारांकित तथा 3099 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हुए जिन्हें आगामी कार्यवाही हेतु सरकार को प्रेषित किया गया।
इन 5 वर्षों में कुल 77 सरकारी विधेयक पूरस्थापित किये गये तथा जिनमें से 69 का पारण किया गया। इन पांच वर्षों में सभा की समितियों द्वारा कुल 683 प्रतिवेदन सभा में स्थापित किये गये।
उन्होंने कहा कि बेहद संकटपूर्ण समय के बावजूद भी एक शीतकालीन सत्र को छोड़कर सभी सत्र आयोजित किये गए। प्रश्न भी हुए, चर्चा भी हुई, बिलों का पारण भी हुआ लेकिन कोविड़ -19 के लिए तय नियमों व शर्तों का अक्ष:-रक्ष: पालन किया गया।
हर तरह की सावधानी बरती गई, सारी व्यवस्थायें कोरोना प्रोटोकॉल के हिसाब से सुनिश्चित की गई जहां विधान सभा परिसर में प्रवेश पाने के लिए थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ा वहीं कोरोना टेस्ट के लिए डॉक्टर व पैरा मैडिकल स्टॉफ की टीम तैनात रही।
आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया, ऐम्बुलैंस की व्यवस्था परिसर में की गई तथा विधान सभा सचिवालय परिसर, सदन तथा मुख्य द्वारों को पूरी तरह से सैनिटाईज किया गया ताकि जीरो एरर का भी सन्देह न रहे। इसके अलावा विधायकों की सीटों को पोलिकार्बोनेट शीटस से पूथक किया गया तथा सभी को फेस मास्क तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया।
इन पांच वर्षों में हिमाचल प्रदेश विधान सभा कई कार्यक्रमों के आयोजन की गवाह बनी। वर्ष 2018 में विधान सभा में राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन जोन-IV का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लोक सभा की तत्कालीन अध्यक्षा सुमित्रा महाजन विशेष रूप से उपस्थित रही। सितम्बर, 2021 में हिमाचल प्रदेश राज्य स्वर्णिम वर्ष के सुअवसर पर भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस सदन को सम्बोधित किया था।
100 वर्ष पूर्व सितम्बर, 1921 को शिमला में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था। उसी सम्मेलन का सहस्त्राब्धि समारोह आयोजित करने का इस विधान सभा को अवसर प्राप्त हुआ तथा इसका आयोजन 16 से 19 नवम्बर , 2021 तक किया गया जिसमें 23 राज्यों की विधान परिषदों तथा विधान सभाओं के पीठासीन अधिकारी शामिल हुए।
विशेष तौर पर अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के चेयरमैन एवं लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला स्वंय इस सदन में उपस्थित थे व भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेद्र दामोदर दास मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन को सम्बोधित किया था तथा राज्य सभा के उप-सभापति हरिवंश जी तथा केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस अवसर पर मौजूद थे।