दिनांक – 24 जुलाई 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079 (गुजरात-2078)
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास -श्रावण (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार आषाढ़)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 10:00 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग – वृद्धि दोपहर 02:02 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल – शाम 05:42 से शाम 07:21 तक
सूर्योदय – 06:10
सूर्यास्त – 19:19
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – कामिका एकादशी
विशेष –
हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है।
राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
कामिका एकादशी
24 जुलाई 2022 रविवार को कामिका एकादशी है ।
कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है।
व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है। यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।