हमीरपुर। बीजेपी सरकार ने अब पुरानी भर्ती रक्षा प्रक्रिया में बदलाव करके सेना में भर्ती होने वाले नौजवानों के हितों पर कुठाराघात किया है। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।
देश को बेरोजगारी के दौर में धकेल चुकी बीजेपी सरकार ने अब देश की रक्षा-सुरक्षा करने वाले नौजवानों के फौलादी हौंसलों को हतोत्साहित करते हुए नौजवानों को आहत व प्रताडि़त करने के लिए नया एजेंडा व फंडा तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि मिली जानकारी के मुताबिक इस स्कीम के तहत सैनिकों की भर्ती मात्र चार साल की अवधि के लिए होगी। यह भर्ती कॉन्ट्रेक्चयूल आधार पर होगी। बीजेपी सरकार की इस योजना के मुताबिक तीनों सेनाओं में इस साल 46 हजार लोग भर्ती किए जाएंगे जिनकी उम्र सीमा साढ़े 17 साल से 21 वर्ष तक रखी है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जो नौजवान 17 साल की उम्र में भर्ती हो जाएंगे उन्हें 21 साल की उम्र में घर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। ऐसे में उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा का क्या होगा। राणा ने कहा कि बीजेपी की यह स्कीम एक तरह से यंग इंडिया को भरी जवानी में और बेरोजगारी की ओर धकेलगी।
उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले नौजवानों को 21 हजार मजदूर के बराबर वेतन रखा गया है जो कि न केवल सेना के नियमों के विपरीत है बल्कि भर्ती होने वालों से एक तरह का मजाक होगा। इस स्कीम के तहत हर बैच से मात्र 25 फीसदी सैनिकों को बरकरार रखने की बात कही गई है। यानी इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले 75 फीसदी नौजवान साढ़े 21 साल की उम्र में घर लौट आएंगे।
राणा ने कहा कि देश और प्रदेशों को कर्जे में डुबो चुकी बीजेपी सरकार अब देश की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा प्रहरियों से भी छल व सीमाओं की रक्षा पर समझौता कर रही है जो कि देश के हित में कतई नहीं होगा। इस नियम के तहत भर्ती होने वाले एक सैनिक की औसत आयु मौजूदा 32 वर्ष से घटकर 24 से 26 वर्ष रह जाएगी।
राणा ने कहा कि कुल मिलाकर यह स्कीम न तो सेना में भर्ती होने वाले बेरोजगारों के हित में है न ही देश की सुरक्षा के हित में है। इस योजना के तहत महिलाओं की भर्ती संबंधित सेवाओं के बारे भी कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की इस स्कीम के तहत 40 हजार (75 फीसदी) युवा नौकरी के बिना 4 साल में बेरोजगार होंगे। बीजेपी की अग्निपथ स्कीम सेना के तीनों अंगों की गरिमा व अनुशासन के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ होगी। इसमें 4 साल में ठेके पर भर्ती होने वाले युवाओं का भविष्य अंधकार में होगा।
सामाजिक सुरक्षा को नजरअंदाज करके पहले ही कर्मचारियों की पेंशन को सरकार बंद कर चुकी है। अब सेना में भर्ती होने वालों की पेंशन को बंद करने का सरकार ने इंतजाम किया है। सेना में अधिकांश नौजवान इस उम्मीद से भर्ती होते रहे हैं कि पेंशन मिलने से उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा बनी रहेगी लेकिन अब इस उम्मीद पर भी बीजेपी ने पानी फेरा है।