सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के स्थान चयन में आपसी समन्वय स्थापित करें अधिकारी : डीसी राणा

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चंबा। उपायुक्त डीसी राणा की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में जिला में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए गठित जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक और कार्यशाला का आयोजन किया गया।

बैठक में उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि जिला में किसानों की फसलों की पैदावार और नगदी फसलों की ओर बढ़ने के लिए जिला में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित करने के लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करें। विभागों के साथ-साथ प्रगतिशील किसान भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित बनाएं।

उन्होंने जल शक्ति विभाग द्वारा कार्यशील कूहलों एवं उठाऊ जल सिंचाई योजनाओं में भी सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश भी दिए ।

इस दौरान उन्होंने जिला के संबंधित विभागों को महत्वकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के लिए लक्ष्य भी निर्धारित किए।

उन्होंने वन विभाग को भी जल संचयन और जल भंडारण योजना के तहत चेक जल भंडारण टैंक भी बनाए ताकि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए टैंकों का उपयोग किया जा सके ।

बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों की अपार संभावनाएं हैं वहां पर किसानों को नगदी फसलों की और रुचि बढ़ाने के लिए प्रेरित भी किया जाए।

जायका परियोजना द्वारा जिला चंबा में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए दिए गए लक्ष्य के अनुसार कूहल संचाई प्रणाली के लिए चयनित स्थानों पर जल्द कार्य शुरू करें।

उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग को जल भंडारण टैंकों का निर्माण कर प्रतिभाशाली किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करें जिसके लिए उन्होंने लक्ष्य भी निर्धारित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मृदा संरक्षण विभाग के लिए भी लक्ष्य निर्धारित किया है।

उन्होंने उद्यान विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए उद्यान विभाग द्वारा क्रियान्वित किए जा सभी क्लस्टरों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अंतर्गत लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में सभी संबंधित अधिकारी विशेष ध्यान फोकस करें।

इस दौरान उपायुक्त डीसी राणा ने बैठक में मौजूद प्रगतिशील किसानों से भी इस सम्बन्ध में सुझाव लिए गए और कार्यशाला के अंत में उन्होंने किसानों से भी आह्वान किया कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का लाभ उठाकर अच्छी फसल पैदा कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करें।

उप कृषि निदेशक डॉ कुलदीप धीमान ने सभी उपस्थित सदस्यों को सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियाँ स्थापित करने के लिए आधारभूत आवश्यकताओं की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के फब्बारे व टपक सिंचाई योजनाओं को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली कहते हैं और खेत में लगाई जाने बाली फसलों के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का चयन किया जाता है।

यह सिंचाई प्रणालियाँ पानी के प्रेशर से काम करती हैं इसलिए या तो प्राकृतिक प्रेशर के लिए पानी का टैंक 10 -20 मीटर की ऊंचाई पर होना चाहिए या मोटर लगाने के लिए बिजली और खेत में एक पानी के टैंक का प्रावधान होना चाहिए।

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