राज्यपाल ने सोलन में स्कूल के विद्यार्थियों से किया संवाद

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शिमला। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सोलन में राजकीय दलीप वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) के विद्यार्थियों के साथ उनकी कक्षा में संवाद किया।

राज्यपाल ने पाठशाला के नौवीं-ए कक्षा के विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। 53 छात्रों की इस कक्षा में विद्यार्थियों ने उत्सुकता के साथ सवाल पूछे।

राज्यपाल ने कहा कि किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं और हमें किताबों की संगति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकों को पढ़ने की आदत बनाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें बचपन से ही किताबें पढ़ने को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

इससे न केवल ज्ञान में वृद्धि होती है बल्कि विषय विशेष का ज्ञान भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि विषय को समझने के लिए अलग-अलग किताबें पढ़ना आवश्यक है। हमारी प्राचीन पुस्तकों में ज्ञान का भण्डार है।

देश में कई महान हिन्दी उपन्यासकार, कहानीकार और कवि हैं जिनकी रचनाओं का अध्ययन करने से हमारा जीवन समृद्ध होता है। हमें इन लोगों के जीवन मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए।

राज्यपाल ने छात्रों से पूछा कि ज्ञान और विज्ञान में क्या अंतर है। हम अखबार क्यों पढ़ते हैं? अखबार पढ़ना जरूरी क्यों है? उन्होंने यह भी पूछा कि किस-किस विद्यार्थी के घर में भारत की महान हस्तियों की पुस्तकें हैं।

राज्यपाल ने अपने साथ लाई गई महापुरुषों की पुस्तकें प्रत्येक छात्र को भेंट की और उन्हें पढ़ने के लिए कहा तथा इसके के उपरांत अपने अनुभव पत्र के माध्यम से राजभवन को भेजने के लिए कहा।

उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में पढ़ने की आदत बनाने का परामर्श दिया। इस अवसर पर छात्रों ने राज्यपाल से प्रश्न भी किए।

विज्ञान अध्यापिका निशा ठाकुर व सीमा शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

इसके उपरान्त, राज्यपाल ने स्कूल अध्यापकों के साथ बैठक कर शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। छात्रों के साथ संवाद करते हुए राज्यपाल ने बच्चों को ‘पढ़ेंगे तो टिकेंगे’ के उद्देश्य से पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि छात्रों को पढ़ने की आदत डालने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि छात्रों को दिशा की जरूरत है और कहा कि वे बुद्धिमान हैं लेकिन उनके सामने एक उदाहरण बनना हमारा कर्तव्य है ताकि उनमें नैतिक मूल्य भी पैदा हों।

आज का दिन इन छात्रों के जीवन का यादगार दिन के रूप में अंकित हो गया। उनके लिए प्रदेश के गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत करने का यह अनुभव अविस्मरणीय रहेगा।

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