शिमला। शिमला में गहराते पेयजल संकट पर आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की भाजपा सरकार और एमसी शिमला पर कड़ा हमला किया है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अपने आपको डब्बल इंजन की सरकार कहलाने वाली सरकार के राज में शहर की जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
राजधानी शिमला में एक बार फिर से 2018 के हालात होने वाले हैं जहां लोगों को मई और जून माह में गम्भीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। इन दिनों शहरवासियों को 4 से 5 दिनों बाद पीने का पानी नसीब हो रहा है लेकिन न तो नगर निगम शिमला कोई संज्ञान ले रहा है और न ही प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री।
लगता है जल शक्ति मंत्री का तो शिमला शहर के साथ कोई सम्बंध नहीं है क्योंकि शहरी मंत्री सुरेश भारद्वाज और जल शक्ति मंत्री की आपसी खींचतान के चलते शहर की जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है।
दोनों मंत्रियों की आपसी लड़ाई में अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया जाता है जिससे न तो कर्मचारी समय पर पानी उपलब्ध करवा पा रहे हैं और न ही सही ढंग से ड्यूटी निभा पा रहे हैं।
शहर में पेयजल का जिम्मा सम्भाल रही कम्पनी रोजाना 40 से 42 MLD पानी की आपूर्ति का दावा करती है लेकिन शहर की जनता के हलक सूखे पड़े हैं। लोगों को चार से पांच दिनों बाद पानी नसीब हो रहा है जो एक गम्भीर विषय है।
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि यदि जल निगम का दावा सही है तो पानी की आपूर्ति किसको हो रही है।
गौरव शर्मा ने कहा कि आज पहाड़ों की रानी शिमला पेयजल संकट के लिए बदनाम हो रही है जिसके लिए भाजपा की नीतियां जिम्मेदार हैं। ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है न तो नगर निगम शिमला में और न ही प्रदेश में ऐसे में जनता जल्द ही इन्हें इसका जवाब देने वाली है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि एमसी शिमला के चुनाव जल्द घोषित करे ताकि नई एमसी यानी आप की, बनने वाली है जो शहरवासियों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाएगी।