जानें वह 5 सबसे बड़े पाप, जिन्हें करने वाले को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 22 मार्च 2022

दिन – मंगलवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत ऋतु

मास – चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – फाल्गुन)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – पंचमी 23 मार्च प्रातः 04:21 तक तत्पश्चात षष्ठी

नक्षत्र – विशाखा रात्रि 08:14 तक तत्पश्चात अनुराधा

योग – हर्षण 01:10 तक तत्पश्चात वज्र

राहुकाल – शाम 03:48 से शाम 05:19 तक

सूर्योदय – 06:42

सूर्यास्त – 18:49

दिशाशूल – उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण – रंग पंचमी

विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

भविष्य पुराण

भविष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें महापाप माना गया है।

आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।

ये हैं 5 सबसे बड़े पाप, इन्हें करने वाले को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा

अनीति का धन

किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है।

गुरु से धोखाधड़ी

गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है। गुरु को पिता के समान मानना चाहिए। गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है।

पशुओं पर अत्याचार

पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

शराब पीना

शराब में तीन प्रकार के पाप बताए गए हैं। स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दुर रहना चाहिए। किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है।

चोरी करना

जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है। चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है। इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

सफलता पाने हेतु

सुबह उठो तो उससे थोड़ी देर विश्रांति पाकर प्रार्थना करके बाद में अपना जिस नथुने से श्वास चलता है, वही हाथ मुंह को उसी तरफ घुमाकर वही पैर धरती पे रखोगे तो आपको कार्यों में भी सफलता की मदद मिलेगी। विघ्न बाधाएँ आराम से टलेंगे ।

लेकिन ईश्वर केवल विघ्न बाधा टालने के लिए नहीं हैं। ईश्वर तो पाने के लिये है। आप सम्राट से चपरासी का काम ज्यादा दिन मत लेना।

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