शिमला। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर जो राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं, ने मंडी जिला के सुन्दरनगर में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए जिला प्रशासन और रेडक्रॉस सोसाइटी की पहल संवेदना योजना का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय रेडक्रॉस प्रबंधन मंडल की सदस्य एवं राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्षा डॉ. साधना ठाकुर भी उपस्थित थीं।
इस योजना के अन्तर्गत फिजियोथैरेपिस्ट दिव्यांग व्यक्तियों की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल संबंधी सूचना प्रदान करेंगे और गंभीर रूप से बीमार और कोमा में चल रहे मरीजों के घर-द्वार पर पहुंचेंगे।
इसके अतिरिक्त इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों के पास व्यक्तिगत तौर पर पहंुचकर उनकी स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी प्राप्त करना और उन्हें स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता के बारे में जागरूक करना है।
योजना के अन्तर्गत जरूरतमंदों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं एवं योजनाओं से जोड़ा जाएगा और उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि संवेदना के नाम से प्रारम्भ की गई इस पहल का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद लोगों के घरों तक पहुंचना है। यह दिव्यांग व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए कार्यक्रम है और उनकी वेदना हमारी भी है। जिला प्रशासन और रेडक्रॉस सोसाइटी की यह पहल लोगों को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि जन कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन महत्त्वपूर्ण होता है और इस पहल के माध्यम से मुख्यमंत्री के विज़न को प्रस्तुत करने के लिए जिला प्रशासन प्रशंसा का पात्र है।
राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि रेडक्रॉस विश्वभर में मानवता की सेवा में कार्यरत रहती है और विशेष तौर पर आपदा के समय संगठन का महत्त्वपूर्ण सहयोग रहता है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस के मध्य जारी युद्ध में भी रेडक्रॉस अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहा है क्योंकि सेवा ही इसके केंद्र में है और हमारी संस्कृति हमें यही सिखाती है।
उन्होंने राज्य में सोसाइटी की जिला शाखाओं के कार्यों की भी सराहना की। राज्य रेडक्रॉस के स्वयंसेवियों को आपदा और अन्य प्रशिक्षण प्रदान करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण अपने स्तर पर देना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि जिला प्रशासन की इस पहल को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। उन्होंने लोगों से इस कार्यक्रम का लाभ उठाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए।