आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 02 जनवरी 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2078
शक संवत -1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर
मास – पौस (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार मार्गशीर्ष मास)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – मूल शाम 04:23 तक तत्पश्चात पूर्वाषढा
योग – वृद्धि सुबह 09:43 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल – शाम 04:47 से शाम 06:09 तक
सूर्योदय – 07:17
सूर्यास्त – 18:07
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या
विशेष –
अमावस्या, और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
राशि विशेष
मेष और वृश्चिक राशि जिनकी है, उनके जीवन में अगर विघ्न, कष्ट और समस्याये आती हैं, तो उनको चाहिए, मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं, मंगल गायत्री का जप किया करें।
मंगल गायत्री मंत्र ॐ अंगारकाय विद्महे। शक्तिहस्ताय धीमहि। तन्नो भौम प्रचोदयात। ॐ मंगलाय नम:।
ये मंगल गायत्री बोले और हर मंगलवार को मसूर की दाल के दाने थोड़े पक्षियों को डाल दें और जब स्नान करें तो लाल चंदन का पाउडर मिल जाये तो एक चुटकी पाउडर बाल्टी में डाल कर थोडा हिलाकर उससे स्नान करें, बहुत फायदा होगा।
वृषभ और तुला राशि जिनकी है वो शुक्रवार को खीर बना लें। उसमे दूध न दिखे चावल पक जाएं (दूध और चावल ), शुक्रवार के दिन वो थोड़ी ठंडी करके गौ माता ( देशी गाय ) को खिलाएं।
पक्षियों को शुक्रवार को चावल के थोड़े दाने डाल दें और थोडा इलायची पाउडर, थोडा सा केसर पानी में डाल दिया स्नान कर लें, बहुत लाभ होगा।
मिथुन और कन्या राशि उसके स्वामी बुध हैं। कन्या राशि के स्वामी राहू भी माने गये हैं।
इस राशिवालों को चाहिए कि बुधवार को हरे मूंग थोडे से पक्षियों को डाल दें नहीं तो गाय को दे सकते हैं।
ॐ गं गणपतये नमः जप करें, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें, गुरुमंत्र का जप करें।
कर्क राशि जिनकी है उसके स्वामी चंद्रदेव माने गये हैं। कर्क राशिवालों को चाहिए कि यथाशक्ति थोड़े चावल पक्षियों को डालें और सोमवार को शिवलिंग पर दूध, जल चढ़ाकर मंत्र बोलें
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात्।
ये भी याद न रहे तो – ॐ हरि ॐ ॐ करते हुए दूध, जल चढ़ा दिया। चंद्रमा को अर्घ्य दे दिया शुक्ल पक्ष में, दूज से पूनम तक अगर न कर पायें तो हर पूनम को दें चद्रंमा को अर्घ्य और मन में बोलें कि भगवान ने गीता में आपने कहा है – नक्षत्र का अधिपति मैं ही हूँ मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मेरे जीवन में दुःख, दरिद्रता दूर करों, तो बहुत फायदा होगा।
सिंह राशि जिनकी है इसके स्वामी सूर्य हैं। नित्य सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। सिंह राशिवालों को अगर तकलीफ आती है तो गेहूँ के दाने थोड़े रोज नहीं तो हर रविवार को पक्षियों को डालने चाहिए।
गेहूँ के आटे की रोटी और गुड़ गाय को खिला दें। गाय न मिले तो किसी गरीब को दे दें और गुरुमंत्र का जप खूब करें।
रविवार को विशेष ऐसे लोग जिनकी सिंह राशि है जप ज्यादा करें।
धनु और मीन जिनकी राशि है। इसके स्वामी भगवान ब्रहस्पतिजी हैं। लेकिन मीन के स्वामी केतु भी बताये जाते हैं। तो धनु और मीन राशिवालों को चाहिए कि गुरु के प्रति भक्ति खूब बढ़ाएं क्योंकि इसके स्वामी ब्रहस्पतिजी हैं।
धनु और मीन राशि जिनकी है वो रोज थोड़ी देर गुरुदेव की तस्वीर सामने रखकर मंत्र बोले – ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम :। ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम :।
गुरुवार को आम के पेड़ को चावल, जल, चने के दाने मिलाकर चढ़ा सकते हैं और बैठकर थोड़ी देर गुरुमंत्र का जप कर लें।
नवरात्रि शुरू है तो एक टाईम भोजन एक टाईम फलाहार करना – हो सके तो और पूरी रात को नहीं तो जप करना १५ -२० मिनट, नवरात्रि से बापूजी के अवतरण दिवस तक करें।
( इसमें नवरात्रि, हनुमान जयंती और गुरुदेव का अवतरण दिवस आता है ) तो धनु और मीन राशिवाले को गुरु उपासना करनी ही चाहिए और मीन राशि वालों को गणपति का जप – ॐ गं गणपतये नमः करना चाहिए।
आप जब सत्संग में बैठते हैं, गुरुदेव का तो पूरा ध्यान गुरुदेव के वचनों में होता है वो आदमी गणपतिजी की उपासना कर रहा है। उसकी हर क्षण गणेश पूजा हो रही है, विवेक के देवता हैं भगवान गणेश
मकर और कुंभ राशि जिनकी है। इसके स्वामी शनिदेवता हैं, तो इन राशिवालों को चाहिए कि हनुमान चालीसा का पाठ पूरी ना पढ़ सके तो
मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये।
पूरा याद न रहा तो – श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये। श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये।