हमीरपुर। राजस्व और पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के बारे में जागरुक करने के लिए शुक्रवार को बचत भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के दौरान भू-अभिलेख विभाग के निदेशक हंसराज चौहान ने उपस्थित अधिकारियों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के सफल कार्यान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी देकर जागरुक किया, ताकि लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने बताया कि भू-रिकार्ड के डिजिटाइजेशन और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना जिला हमीरपुर में पायलट आधार पर शुरू की जा रही है।
इस योजना के तहत जिला हमीरपुर के कुल 1482 आबादी देह गांवों में मालिकाना हक प्रदान किए जाएंगे तथा संबंधित मालिकों को संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे।
आबादी देह में संपत्तियों का मालिकाना हक मिलने के बाद लोग वित्तीय संस्थानों से आसानी से कर्ज ले सकेंगे। इससे ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में भी काफी मदद मिलेगी।
हंसराज चौहान ने बताया कि भू-रिकार्ड के डिजिटाइजेशन के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग की मदद से ड्रोन सर्वे किया जाएगा। जिला में यह सर्वे संभवत: दिसंबर के दूसरे हफ्ते से शुरू कर दिया जाएगा।
निदेशक ने जिला के अधिकारियों से इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि वॉल पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक और अन्य माध्यमों से इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने कहा कि राजस्व अभिलेख तैयार होने के बाद लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों के मालिकाना हक मिलेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों से संबंधित विवादों में भी कमी आएगी।
उन्होंने राजस्व और पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए संबंधित क्षेत्रों में अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।
उपायुक्त ने कहा कि जिला हमीरपुर को इस योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर चयनित होने से यहां के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि ब्लॉक और तहसील स्तर पर भी विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
कार्यशाला के दौरान भू-अभिलेख विभाग के संयुक्त निदेशक चंदन कपूर ने अधिकारियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया, जबकि, भारतीय सर्वेक्षण विभाग के चंडीगढ़ कार्यालय के अधिकारियों ने कार्यशाला में ऑनलाइन माध्यम से जुडक़र ड्रोन सर्वे के संबंध में तकनीकी जानकारी दी।