चिंता, चिड़चिड़ापन व तनाव कम करने के लिए करें यह उपाय

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आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक 11 अक्टूबर 2021

दिन – सोमवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास -अश्विन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – षष्ठी रात्रि 11:50 तक तत्पश्चात सप्तमी

नक्षत्र – जेष्ठा दोपहर 12:56 तक तत्पश्चात मूल

योग – सौभाग्य सुबह 11:50 तक तत्पश्चात शोभन

राहुकाल – सुबह 08:01 से सुबह 09:29 तक

सूर्योदय – 06:33

सूर्यास्त – 18:16

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण –

तप षष्ठी (ओडिशा),सरस्वती आवाहन-स्थापन

विशेष –

षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

चिंता, चिडचिडापन व तनाव कम करने हेतु

जो व्यक्ति स्नान करते समय पानी में ( ५ मि.ली.) गुलाबजल मिलाकर ‘ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा।

यह मंत्र बोलते हुए सर पर जल डालता है, उसे गंगा-स्नान का पुण्य होता है तथा साथ ही मानसिक चिंताओं में कमी आती है और तनाव धीरे-धीरे दूर होने लगता है, विचारों का शोधन होने लगता है, चिडचिडापन कम होता है तथा वह अपने – आपको तरोताजा अनुभव करता है।

शारदीय नवरात्रि

भय का नाश करती हैं मां कात्यायनी

नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं।

नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं।

वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।

नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं। इससे धन लाभ होने के योग बनने हैं।

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