6 अप्रैल का पञ्चाङ्ग

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भारत।

शुभ् विक्रम् संवत् – 2079 नल,
शालिवाहन् शक् संवत् – 1944 शुभकृत,
मास- (अमावस्यांत) – चैत्र माह,
पक्ष- शुक्ल, (पूर्णिमांत) चैत्र-माह,
तिथि- पंचमी 18:00:51, बाद-षष्ठी,
दिन- बुधवार, सूर्य प्रविष्टे 24 चैत्र गते,
नक्षत्र- रोहिणी 19:38:38, बाद-मृगशीर्षा,
योग- आयुष्मान 08:36:06, बाद-सौभाग्य,
करण- बालव 18:00:51, बाद-कौलव,
सूर्य- मीन राशिगत,
चंद्र- वृषभ राशिगत,
ऋतु- वसंत, अयन – उत्तरायण,
सूर्योदय- 06:06:59,
सूर्यास्त- 18:40:27,
दिन काल- 12:33:28,
रात्री काल- 11:25:24,
चंद्रोदय- 09:09:30,
चंद्रास्त- 23:34:14,
राहू काल- 12:24 – 13:58 अशुभ,
यम घंटा- 07:41 – 09:15 अशुभ,
अभिजित – 11:59 -12:49 अशुभ,
दिशा शूल – उत्तर दिशा अशुभ,

दिशा शूल शुभता :-

आज बुधवार के दिन मिष्ठान खा कर घर से बाहर निकलें, शुभ रहेगा।

विशेष :-

आज पंचमी तिथि को बेल का फल खाने से कलंक लगता है। षष्ठी तिथि को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनि की प्राप्ति होती है।

(ब्रह्मवैवर्त-पुराण : ब्रह्म-खण्ड),

दिन की शुभ चौघड़ियाँ :~

लाभ- 06:07 – 07:41,
अमृत- 07:41 – 09:15,
शुभ- 10:50 – 12:24,
चर- 15:32 – 17:06,
लाभ- 17:06 – 18:40,

रात्री की शुभ चौघड़ियाँ :~

शुभ- 20:06 – 21:32,
अमृत- 21:32 – 22:57,
चर- 22:57 – 24:23*,
लाभ- 27:15* – 28:40*,

किस ‘होरा’ में कौन सा कार्य करना श्रेयस्कर होता है :~

1. सूर्य –

माणिक्य धारण करना, सरकारी नौकरी हेतु आवेदन या पदभार ग्रहण, समस्त सरकारी कार्य, चुनाव व राजनीति संबंधी कार्य करें।

2. चंद्र –

मोती धारण करना, यह होरा समस्त कार्यों के लिए शुभ होती है।

3. मंगल –

मूंगा व लहसुनिया धारण करना, कर्ज देना, न्यायालय, पुलिस, सेना आदि से संबंधित कार्य, प्रशासनिक कार्य, मकान खरीदना चाहिये।

4. बुध –

पन्ना धारण करना, व्यापार संबंधी कार्य, लेखा संबंधी कार्य, बैंक संबंधी कार्य, विद्यारम्भ, शिक्षा संबंधी कार्य करें।

5. गुरु –

पुखराज धारण करना, उच्च अधिकारियों से भेंट, विवाह संबंधी कार्य, वस्त्र खरीदना इत्यादि करें।

6. शुक्र –

हीरा धारण करना, आभूषण क्रय करना चहिये, सोने-चांदी का व्यापार, ललित कला संबंधी कार्य, नवीन वस्त्र धारण करना व अन्य वैभव विलासिता संबंधी कार्य करें।

7. शनि –

नीलम व गोमेद धारण करना, गृहारम्भ करना, कारखानें स्थापित करना, लोहा-मशीनरी संबंधी कार्य, वाहन क्रय करना, न्यायालय संबंधी कार्य, कृषि कार्य, तेल संबंधी कार्य करें।

दिन का होरा चक्र

बुध- 06:07 – 07:10,
चन्द्र – 07:10 – 08:13,
शनि- 08:13 – 09:15,
बृहस्पति- 09:15 – 10:18,
मंगल- 10:18 – 11:21,
सूर्य- 11:21 – 12:24,
शुक्र- 12:24 – 13:27,
बुध- 13:27 – 14:29,
चन्द्र- 14:29 – 15:32,
शनि- 15:32 – 16:35,
बृहस्पति- 16:35 – 17:38,
मंगल- 17:38 – 18:40,

रात्री का होरा चक्र

सूर्य- 18:40 – 19:38,
शुक्र- 19:38 – 20:35,
बुध- 20:35 – 21:32,
चन्द्र- 21:32 – 22:29,
शनि- 22:29 – 23:26,
बृहस्पति- 23:26 – 24:23*,
मंगल- 24:23* – 25:20*,
सूर्य- 25:20* – 26:17*,
शुक्र- 26:17* – 27:15*,
बुध- 27:15* – 28:12*,
चन्द्र- 28:12* – 29:09*,
शनि- 29:09* – 30:06*,

(पञ्चाङ्ग-इंद्रप्रस्थ-“दिल्ली”-समयानुसार),

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