हिमाचल में पहली जून से 500 एमएल पानी की प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध

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शिमला। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने पहली जून, 2025 से सभी सरकारी कार्यक्रमों व होटलों में पॉलीथीन टेरेफ्थैलेट (पीईटी) विशेषता वाली 500 मिलीलीटर तक की पानी की छोटी बोतलों के प्रयोग पर प्रतिबंध को लेकर आज यहां आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 की धारा-3-क की उपधारा-(1) और हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण संशोधन अधिनियम-2023 की धारा-2 के तहत प्रदेश में प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।

इस महत्वपूर्ण कदम के तहत आगामी 1 जून से पॉलीथीन टेरेफ्थैलेट (पी.ई.टी.) विशेषता वाली 500 मिलीलीटर तक की पानी की बोतलों पर सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों तथा सरकार के अन्य संगठनों द्वारा आयोजित की जाने वाली बैठकों, सम्मेलनों, कार्यक्रमों के साथ-साथ हिमाचल पर्यटन विकास निगम के होटलों और निजी होटलों में पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा।

उन्होंने इस दिशा में सभी संबंधित विभागों से उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी हासिल की तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लिए गए सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिये।

उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इसके दृष्टिगत व्यापक जन जागरूकता बढ़ाने के भी निर्देश दिये, ताकि लोगों को पर्यावरण हितैषी विकल्पों की जानकारी दी जा सके।

इसके उपरान्त, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने प्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन व टैक्सियों में गार्बेज बिन रखने की अनिवार्यता को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की।

प्रदेश में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने सभी प्रकार के पर्यटक वाहनों, सार्वजनिक एवं निजी परिवहन और टैक्सी सेवाओं में गार्बेज बिन रखना अनिवार्य किया है।

इस संबंध में हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों ने अवगत करवाया कि सभी सरकारी बसों में गार्बेज बिन को स्थापित कर दिया गया है। बस स्टैंड व कर्मशालाओं में बसों की साफ सफाई के दौरान भी प्लास्टिक कचरे को संग्रहित करने के निर्देश जारी कर दिये गए हैं।

इसके अलावा, एचआरटीसी ढाबों में भी प्लास्टिक कचरे के संग्रहण के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी प्रदेश में आने वाले पर्यटक वाहनों सहित निजी परिवहन व टैक्सियों में गार्बेज बिन को लेकर जारी दिशा-निर्देशों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने टैक्सी स्टैंड के साथ-साथ शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे के संग्रहण की दिशा में परिवहन, ग्रामीण विकास तथा शहरी विकास विभाग को आवश्यक कदम उठाने को कहा, ताकि निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।

मुख्य सचिव ने पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईआरपी) के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति तथा विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित बैठक की भी अध्यक्षता की। उन्होंने इस संदर्भ में संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किये।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है तथा इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईआरपी) का सफल कार्यान्वयन प्रदेश में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करेगा तथा पर्यावरण को संरक्षित रखने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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