खाली पदों, डीए और एरियर नहीं मिलने पर बिफरा सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ, 21 को सचिवालय गेट पर कर्मचारियों का जनरल हाउस, सरकार को घेरने पर बनेगी रणनीति

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शिमला। सरकार की बेरुखी पर हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ बिफर गया है।

महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिमाचल में हर सरकार हिमाचल दिवस, स्वतंत्रता दिवस पर कर्मचारियों के लिए कोई न कोई घोषणा करती रही है। परन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आज सचिवालय में महासंघ की बैठक आयोजित हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि आगामी 21 अगस्त को कर्मचारी गेट पर जनरल हाउस आयोजित करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह गेट मीटिंग सरकार के लिए एक चेतावनी होगी कि कर्मचारियों की मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय किया जाए। अगर सरकार मांगों पर गौर करते हुए निर्णय नहीं लेती है तो कर्मचारी एक बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

संजीव शर्मा ने कहा कि हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों को आस थी कि सरकार डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकती है।

कर्मचारियों को कम से कम चार फीसदी डीए की घोषणा किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन देहरा में आयोजित हुए स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में न तो चार फीसदी डीए और न ही एरियर की घोषणा की गई।

75 साल की उम्र पूरी कर चुके आयु के पेंशनरों के एरियर का पूरा भुगतान करने का ऐलान जरूर हुआ। वहीं अन्य कर्मचारियों को अगले साल से चरणबद्ध तरीके से डीए-एरियर के भुगतान की बात कही गयी।

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि वह सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं ना कि सरकार से कोई खैरात।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को डीए की तीन किस्तें देनी हैं। पहली किस्त 1 जनवरी 2023, दूसरी 1 जुलाई 2023 और तीसरी किस्त 1 जनवरी 2024 से दी जानी थी। वहीं 1 जुलाई 2024 से चौथी किस्त भी दय हो चुकी है।

संजीव शर्मा ने कहा कि आज सब्जियों से लेकर बच्चों की फीस महंगी हो गई है। हर जगह महंगाई की मार पड़ रही है। इन सब से कर्मचारियों को निजात दिलाने के लिए महंगाई भत्ता दिया जाता है।

केंद्र ने अपने कर्मचारियों को डीए की तीनों किस्त जारी कर दी हैं पर हिमाचल में सरकार ने कर्मचारियों को एक भी किस्त नहीं दी है।

उन्होंने कहा कि महासंघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिल गुहार लगा चुके हैं पर अभी इसका कोई भी नतीजा सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा कि डीए और एरियर की मांग स्टेट एनजीओ करता है लेकिन प्रदेश सरकार ने किसी को मान्यता नहीं दी है। कर्मचारी गुटों में बंटे हैं, जो आपस में लड़ रहे हैं। सरकार भी यही चाहती है कि कर्मचारी आपस में लड़ते रहें। उन्होंने सभी से एक मंच पर आकर सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने की अपील की।

महासंघ के अध्यक्ष ने सचिवालय में खाली पदों पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सचिवालय में क्लास थ्री के 350, क्लास फोर के 250 पद सहित कई अन्य पद काफी समय से खाली पड़े हैं। एक कर्मचारी तीन तीन सीटों पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पोस्ट कोड 982 में 82 लोग सचिवालय में लगने हैं जिसकी सभी औपचारिकताएँ पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार ने पोस्ट कोड 817 का रिजल्ट जारी किया वैसे ही पोस्ट कोड 982 का भी नतीजा जारी किया जाए।

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